“हर्बल ऐस्टेट” कोंडागांव बना देश की किसान राजनीति का केंद्र

कोंडागांव, बस्तर : किसान नेता राकेश टिकैत राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाकियू, प्रवीण श्योकंद, प्रदेश प्रभारी, भाकियू, छत्तीसगढ़, कृष्णा नरवाल, प्रदीप पांडेय आदि प्रदेश व देश के लगभग एक दर्जन वरिष्ठ किसान नेता छत्तीसगढ़ के कोंडागांव पहुंचे. डा. राजाराम त्रिपाठी के निवास ‘हर्बल ऐस्टेट’ एवं “मां दंतेश्वरी हर्बल” परिसर के “बईठका कक्ष” में आयोजित प्रैस कांफ्रेंस को राकेश टिकैत और अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डा. राजाराम त्रिपाठी के द्वारा संयुक्त रूप से संबोधित किया गया.

पहला अंतर्राष्ट्रीय सर्टिफाइड और्गेनिक फार्म

राकेश टिकैत ने कहा कि देश का पहला अंतर्राष्ट्रीय सर्टिफाइड और्गेनिक फार्म वर्ष 1996 से छत्तीसगढ़ में है, और यहां जैविक खेती की अपार संभावनाएं हैं. देशविदेश से लोग यहां के हर्बल फार्म को देखने आते हैं और कुछ नया सीख कर जाते हैं. संस्था द्वारा लोगों को समयसमय पर ट्रेनिंग भी दी जाती है, मुफ्त में औषधीय पौधे दिए जाते हैं, जिन्हें लगा कर लोग अपनी आमदनी का जरीया बना सकें. ऐसे कामों को जोड़ कर देखा जाए, तो यहां ‘और्गेनिक बोर्ड’ बनाया जाना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि डा. राजाराम त्रिपाठी के नवाचारों और विशेषज्ञताओं से प्रेरणा ले कर भूटान जैसे देशों ने अपनेआप को संपूर्ण जैविक देश घोषित कर दिया और अन्य कई प्रदेशों व देशों के प्रगतिशील किसान यहां से सीख कर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, परंतु प्रदेश एवं केंद्र सरकारें किसानों के व्यापक हित में डा. राजाराम त्रिपाठी के अनुभवों और नवाचारों का समुचित लाभ नहीं उठा रही हैं. यह बड़ी ही हैरानी की बात है.

राकेश टिकैत ने बस्तर में हर्बल एवं विलेज टूरिज्म को बढ़ावा देने की सलाह देते हुए हिमाचल प्रदेश का भी उदाहरण दिया.

डा. राजाराम त्रिपाठी द्वारा हैलीकौप्टर खरीदने के सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि पहली बात तो यह कि हम सभी किसानों को गर्व है कि हमारे देश का किसान अपना हैलीकौप्टर खुद उड़ाने जा रहा है. वहीं दूसरी महत्वपूर्ण बात यह कि हैलीकौप्टर द्वारा बस्तर के जलते हुए जंगल और खेतों की बीमारी पर संपूर्ण नियंत्रण की डा. राजाराम त्रिपाठी की अनूठी योजना के लिए वो उन्हें बधाई देते हैं, और सरकार से मांग करते हैं कि सरकार डा. राजाराम त्रिपाठी के हैलीकौप्टर योजना को तत्काल सब्सिडाइज किया जाए.

राकेश टिकैट ने यह भी कहा कि हर किसान के खेत तक पानी पहुंचाना सरकार का सब से जरूरी काम है, प्रदेश सरकार इसे तेलंगाना से सीख सकती है. बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों के जनजातीय समुदायों की समस्याओं पर भी तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.

“एमएसपी गारंटी नहीं तो वोट नहीं”

डा. राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि आगामी चुनावों में न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी हेतु सक्षम कानून लाने का मुद्दा सब से प्रमुख मुद्दा है. इस मुद्दे पर लगभग ढाई सौ किसान संगठनों ने मिल कर “एमएसपी गारंटी मोरचा” बनाया हुआ है. इस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह हैं. डा. राजाराम त्रिपाठी, जो कि इस मोरचे के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं, ने कहा कि एक “सक्षम एमएसपी गारंटी कानून” लाने के मुद्दे पर देश के सारे किसान संगठन और किसान एकमत हैं.

MSPअखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के 45 साथी किसान संगठन भी एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे पर एकसाथ कटिबद्ध हैं. “एमएसपी गारंटी नहीं तो वोट नहीं” और “माल हमारा, भाव तुम्हारा, अब नहीं चलेगा किनारे” के नारे अब गांवों की गलियों में गूंज रहे हैं.

इस संदर्भ में राकेश टिकैत ने कहा कि तराजू भी तुम्हारा और भाव भी तुम्हारा यह अब आगे नहीं चल पाएगा. सरकार मुगालते में न रहे कि किसान संगठनों को तोड़ कर अपनी मनमानी कर पाएगी.

राकेश टिकैत ने एनजीटी के 10 साल के बाद डीजल के ट्रैक्टर और वाहनों को कबाड़ घोषित करने की नीति को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि यह नीति अव्यावहारिक है और केवल आटोमोबाइल के बड़े व्यापारियों को फायदा दिलाने के लिए इसे लाया गया है.

इस अवसर पर स्थानीय मीडिया के साथियों के साथ के अलावा मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के किसान साथियों की उपस्थिति भी महत्वपूर्ण रही.

नौवां रोजगार मेला : भोपाल में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बांटे नियुक्तिपत्र

नई दिल्ली/भोपाल : 26 सितंबर 2023. देशव्यापी नौवां रोजगार मेला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में हुआ, जिस में नवनियुक्त तकरीबन 51 हजार युवाओं को नियुक्तिपत्र वितरित किए गए. देशभर से चुने गए ये युवा डाक विभाग, भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, राजस्व विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, रक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में पदस्थ होंगे.

46 स्थानों पर रोजगार मेला

भोपाल में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आतिथ्य में आयोजन हुआ, जहां उन्होंने नियुक्तिपत्र बांटे.

इस दौरान उन्होंने कहा कि युवाओं का सेवा के प्रति समर्पण देश को अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम बनाएगा. नारी शक्ति अधिनियम का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश ऐतिहासिक उपलब्धियों का गवाह बन रहा है.

नई भरतियों में महिलाओं की महत्वपूर्ण उपस्थिति को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की बेटियां हर क्षेत्र में नाम रोशन कर रही हैं. मुझे नारी शक्ति की उपलब्धि पर बहुत गर्व है. सरकार की नीति है कि उन के विकास के लिए नए रास्ते खोले जाएं. किसी भी क्षेत्र में महिलाओं की उपस्थिति से हमेशा हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आया है.

नए भारत की बढ़ती आकांक्षाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस नए भारत के सपने ऊंचे हैं, भारत ने वर्ष 2047 तक विकसित देश बनने का संकल्प लिया है.

उन्होंने आगे यह भी कहा कि आज के युवा प्रौद्योगिकी के साथ बड़े हुए हैं, जिन से अपने कार्यक्षेत्र में इस का उपयोग करने एवं शासन की दक्षता में सुधार करने पर जोर दिया.

सरकार में प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औनलाइन रेलवे आरक्षण, आधारकार्ड, डिजिलाकर, ईकेवाईसी, गैस बुकिंग, बिल भुगतान, डीबीटी, डिजीयात्रा द्वारा दस्तावेजीकरण की जटिलता को समाप्त करने का उल्लेख किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 9 वर्षों में सरकार की नीतियां नई मानसिकता, निरंतर निगरानी, मिशन मोड कार्यान्वयन व जनभागीदारी पर आधारित हैं, जिस ने महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त किया है.

‘स्वच्छ भारत’ व ‘जल जीवन मिशन’ जैसे अभियानों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के मिशन मोड कार्यान्वयन दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जहां संतृप्ति प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं. देशभर में परियोजनाओं की लगातार निगरानी की जा रही है.

उन्होंने प्रगति प्लेटफार्म का उदाहरण देते हुए, जिस का उपयोग स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है, इस बात पर जोर दिया कि ये सरकारी कर्मचारी ही हैं, जो सरकारी योजनाएं जमीनी स्तर पर लागू करने की सर्वोच्च जिम्मेदारी निभाते हैं. जब लाखों युवा सरकारी सेवाओं में शामिल होते हैं, तो नीति कार्यान्वयन की गति व पैमाने को बढ़ावा मिलता है, जिस से सरकारी क्षेत्र के बाहर भी रोजगार को बढ़ावा मिलता है, नए रोजगार ढांचे की स्थापना होती है.

जीडीपी में वृद्धि और उत्पादन एवं निर्यात में उछाल के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधुनिक बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व निवेश का उल्लेख किया. साथ ही, नवीकरणीय ऊर्जा, जैविक खेती, रक्षा, पर्यटन जैसे क्षेत्रों के बारे में उन्होंने बात की, जो नई जीवंतता दिखा रहे हैं. हमारा आत्मनिर्भर अभियान मोबाइल फोन से ले कर एयरक्राफ्ट कैरियर तक, कोरोना वैक्सीन से ले कर फाइटर जेट तक के क्षेत्रों में परिणाम दिखा रहा है.

उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं के लिए नए अवसर सामने आ रहे हैं. देश व नवनियुक्तों के जीवन में 25 वर्षों के अमृतकाल के महत्व को दोहराते हुए टीम वर्क को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को भी कहा.

Appointment Letterभोपाल में रोजगार मेले में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पीएम मोदी की कार्यकुशलता के कारण ही रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को रोजगार मिलना संभव हो पा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र ने लाल किले से कहा था कि एक साल में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देंगे, यह वादा पूरा हो रहा है.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत युवा देश है और जब बड़ी संख्या में युवा होंगे, तो रोजगार व हर हाथ को काम की आवश्यकता होना स्वाभाविक है. रोजगार की दिशा में सरकारी नौकरी तो एक साधन है, इस के अलावा निजी उद्यमों को बढ़ावा, स्वरोजगार, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन जैसे अन्य साधनों की समग्रता के साथ जब काम होता है, तभी आवश्यकता की पूर्ति होती है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार इसी तरह के विभिन्न आयामों पर काम कर रही है. वर्ष 2014 से पहले देश में गिनती के स्टार्टअप ही हुआ करते थे. स्टार्टअप द्वारा रोजगार की पूर्ति होती रहे और ये रोजगार देने की स्थिति में आएं, इसलिए पिछले 9 वर्षों में इन्हें प्रोत्साहित किया गया और आज देश में लगभग 90 हजार स्टार्टअप काम कर रहे हैं. इसी तरह हमारे आसपास अधोसंचरनाओं का विकास हो रहा है, उन से भी रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं. निजी क्षेत्रों में ही सही, रोजगार के अवसर खुल रहे हैं, जिस से अर्थव्यवस्था को भी बल मिल रहा है. आने वाले कल में देश के हर व्यक्ति को रोजगारस्वरोजगार उपलब्ध हो सके, इस के लिए मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया जैसे रोजगार सृजित करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

जब पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन के बारे में कहा तो लोगों को लगता था कि ये नारे हैं, लेकिन आप इन की वेबसाइट्स पर जा कर देखेंगे तो पता चलेगा कि इन के जरीए देश में बड़ी संख्या में बेरोजगारी का समाधान हो रहा है. देश की आजादी के 75 वर्षों में हम ने काफीकुछ खोया भी है व पाया भी है. एक समय था, जब भारत कुछ भी बोले तो लोग इसे मजाक में लेते थे. गत 9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छोटीछोटी गैप्स को पाटने का काम हुआ है, आज यह स्थिति है कि भारत कोई संकल्प लेता है, तो दुनिया उस का समर्थन करती है, बड़े देश भी समर्थन में खड़े रहते हैं. हम कहें कि वर्ष 2047 में भारत विकसित बनेगा, तो दुनिया में कोई अविश्वास नहीं करेगा. युवा पीढ़ी का कर्तव्य है कि नौकरी के साथ दायित्व ठीक से पूरे करें.

फसल अवशेष जलाने पर लगेगा अर्थदंड

बृहस्पति कुमार पांडेय

बस्ती : फसल अवशेष जलाने पर खेत के क्षेत्रफल के अनुसार अर्थदंड 2 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले किसानों से 2,500 रुपए, 2 से 5 एकड़ वाले किसानों से 5,000 रुपए एवं 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले किसानों से 15,000 रुपए की क्षतिपूर्ति प्रति घटना की वसूली की जाएगी.

उक्त चेतावनी जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने देते हुए बताया कि इस के साथ ही दोषी के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही भी की जाएगी.

उन्होने बताया कि फसल अवशेष/पराली को खेतों में जलाने से भूमि उर्वराशक्ति पर दुष्प्रभाव पडता है, लाभकारी सूक्ष्म जीव जल कर नष्ट हो जाते हैं, आगामी फसल की ऊपज पर बुरा असर पड़ता है. पशुओं के चारे की समस्या उत्पन्न हो जाती है, इस के साथ ही वायु अत्यधिक प्रदूषित हो जाती है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है. यह भी देखने में आता है कि फसल अवशेष जलाने से भीषण अग्निकांड की घटनाएं हो जाती हैं, जिस में लोगों के साथ ही पशु की मौत तक हो जाती है.

उन्होने बताया कि पराली/फसल अवशेष न जलाने से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि होती है, लाभकारी सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ती है, मिट्टी में जल धारण संख्या में वृद्धि होती है, दलहनी फसलों के अवशेष से मिट्टी में नत्रजन एवं अन्य पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है.

उन्होंने यह भी बताया कि जनपद में कंबाइन हार्वेस्टिंग स्ट्रा रीपर विद बाइंडर अथवा स्ट्रा रीपर का प्रयोग अनिवार्य है. इस के साथ ही बिना रीपर मशीन के प्रयोग करने वाले कंबाइन मशीन मालिकों के विरुद्ध सिविल दायित्व भी निर्धारित किए जाएंगे.

उन्होंने समस्त कंबाइन मालिकों को निर्देशित किया है कि बिना स्ट्रा रीपर के कंबाइन मशीन से फसल कटाई पूरी तरह से प्रतिबंधित है, अन्यथा की दशा में कंबाइन मशीन मालिक के विरुद्ध सिविल दायित्व निर्धारित करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पीएम विश्वकर्मा योजना में 10 दिन के भीतर ही 1.40 लाख आवेदन

नई दिल्ली : पीएम विश्वकर्मा योजना की सफलता की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने एक्स पर अपने एक पोस्ट के जरीए से लिखा कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता का परिणाम है. और योजना के शुभारंभ के 10 दिन के भीतर ही इतनी अधिक संख्या में आवेदन प्राप्‍त होना योजना की सफलता और सर्वोच्‍च महत्व का प्रमाण है.

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना, हमारे सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित विश्वकर्मा भाइयों और बहनों के व्यापक विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और यह उन की खोई हुई पहचान को बहाल करेगी, जिस का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है.

इस योजना के माध्यम से विश्वकर्मा भाइयों और बहनों को प्रशिक्षण, टूल किट और बिना कुछ गिरवी रखे लोन प्रदान किया जाएगा. प्राप्त आवेदनों का सफलतापूर्वक सत्यापन कर सभी योजना का लाभ हमारे विश्वकर्मा भाईबहनों को दिया जाएगा.

उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना और उन के उत्पादों को घरेलू और वैश्विक बाजारों तक पहुंचाना है. योजना के तहत 18 प्रकार के कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ मिलेगा. लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और उन्हें प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपए का दैनिक वजीफा मिलेगा. इस के अलावा टूल किट खरीदने के लिए 15,000 रुपए की सहायता दी जाएगी. लाभार्थी 3 लाख तक बिना कुछ गिरवी रखे लोन के भी पात्र होंगे.

बीकानेर के किसानों को नई संसद देखने के लिए आमंत्रण

बीकानेर : भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बीकानेर में क्षेत्रीय मूंगफली अनुसंधान केंद्र का लोकार्पण किया.

इस मौके पर बीकानेर के सांसद और संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि अर्जुन राम मेघवाल ने भारत की संसद में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर के एक ऐतिहासिक कदम उठाया है.

उन्होंने आगे कहा कि आप के इस सपूत ने देश की आधी आबादी को उन के हक दिलाने के लिए इतिहास रच दिया है. ऐसा इतिहास, जिस का लोगों को वर्षों से इंतजार था. जो काम और कई लोग नहीं कर पाए, वह काम मेघवाल ने कर के दिखाया है.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बीकानेरी नमकीन, भुजिया और रसगुल्ले की तारीफ करते हुए मूंगफली ब्रांडिंग की बात कही. उन्होंने कहा कि बीकानेर की मूंगफली की ब्रांडिंग की जाएगी और यह काम मैं अर्जुन राम मेघवाल को सौंपता हूं.

उन्होंने आगे यह भी कहा कि मूंगफली की ब्रांडिंग का काम यहां से शुरू होना चाहिए और इस क्षेत्र में व्यापार की बहुत सी संभावनाएं हैं.

अपने संबोधन में आगे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मूंगफली को बादाम और काजू से ज्यादा पसंद किया जाता है और इस में बहुत से पोषक तत्व होते हैं.

Farmingउपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम में उपस्थित सांसद कैलाश चौधरी की तारीफ करते हुए कहा कि जब कैलाश चौधरी कृषि राज्य मंत्री थे, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में मोटे अनाज अर्थात बाजरा के महत्व को दुनिया के सामने बताते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित कराया और यह वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मोटे अनाज को बढ़ावा दिए जाने की तारीफ करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज देश के प्रतिष्ठित होटल भी अपने व्यंजनों की सूची में मोटे अनाज से बने व्यंजनों को प्रमुखता से शामिल कर रहे हैं, और यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जी-20 की अध्यक्षता की सफलता की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने वह कर के दिखाया, जिस की कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी. भारत ने इतना सफल कार्यक्रम आयोजित किया है कि पूरी दुनिया देख कर दंग रह गई है.

उन्होंने आगे यह भी कहा कि आप को जान कर प्रसन्नता होगी कि जी-20 की अध्यक्षता में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में दुनिया के नेताओं को मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसे गए.

उन्होंने कहा कि जी-20 जैसे वैश्विक कार्यक्रमों में मोटे अनाज से बने व्यंजनों का परोसा जाना, हर गांव, गरीब और किसान के लिए एक सम्मान की बात है.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 60 के दशक में देश में अनाज संकट के दौरान भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के उस आह्वान को याद किया, जिस में उन्होंने देश के नागरिकों से एक दिन का उपवास करने का आह्वान किया था, और उन के आह्वान पर देश के किसानों ने संकल्प लिया और आज हमारे किसानों के पसीने और मेहनत की बदौलत देश न सिर्फ खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना है, बल्कि आज दुनिया को भारत खाद्यान्न का निर्यात भी कर रहा है.

अपने संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आप को जान कर प्रसन्नता होगी कि 1 अप्रैल, 2020 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा है और यह हमारे किसान भाइयों की कड़ी मेहनत की वजह से ही संभव हो पाया है.

उन्होंने आगे कहा कि किसान कल्याण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. पीएम किसान सम्मान निधि उन में से एक है, जिस के तहत साल में 3 बार किसानों के खाते में सीधे सहायता भेजी जा रही है.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश में तकनीकी विकास की तारीफ करते हुए कहा कि आज हमारा किसान तकनीक से इतना जुड़ा हुआ है कि उसे सरकारी सहायता प्राप्त करने में किसी बिचौलिए की आवश्यकता नहीं है, और ना कोई कमीशन देना पड़ता है. तकनीक अपनाने के लिए मैं किसानों को बहुत धन्यवाद देता हूं.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सितंबर, 2022 में भारत दुनिया की 5वीं आर्थिक महाशक्ति बन गया है और हम ने अंगरेजों को पछाड़ कर यह मुकाम हासिल किया है. यह उपलब्धि किसानों और मजदूरों की मेहनत की बदौलत हासिल हुई है. देश के किसान और मजदूर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि कृषि में अनुसंधान कीजिए, नएनए उपाय खोजिए, ऐसा नहीं होना चाहिए कि पैदावार कम हो तो भी किसान को नुकसान हो और यदि पैदावार बढ़ जाए तो भी किसान को ही नुकसान उठाना पड़े.

जगदीप धनखड़ ने कहा कि कृषि से संबंधित किसी भी कार्यक्रम में उपस्थित होने का मौका मिलता है तो बहुत प्रसन्नता होती है, वहां हमें अपने किसान भाइयों का दुखसुख जानने को मिलता है, उन की उन्नति देखने को मिलती है, उन से बातचीत करने का मौका मिलता है, उन की प्रसन्नता को महसूस करने का भी मौका मिलता है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत की संसद में आप की आवाज उठाने के लिए मैं वहां बैठा हूं. उस में कोई कमी नहीं आएगी. मैं इस तपती धूप में आप से यह कहने आया हूं कि देश बदल रहा है और आप की बदौलत हिंदुस्तान बहुत आगे जा रहा है.

Farmingउन्होंने कहा कि 2047 में भारत नंबर वन पर होगा. देश की अर्थव्यवस्था की विकास गति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आज से 10 वर्ष पहले हम दुनिया की 5 कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से एक थे. और आज हम दुनिया की सब से शक्तिशाली 5 अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं, इस महान उपलब्धि का श्रेय हमारे किसान और मजदूर भाइयों को जाता है.

उन्होंने आगे कहा कि हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री की सोच किसान और मजदूर के कल्याण पर केंद्रित है, किसानों का विकास उन का प्रमुख उद्देश्य है.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बीकानेर के किसानों को दिल्ली आने के लिए आमंत्रित किया और उन्हें भारत की संसद का नया भवन, भारत मंडपम, यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, प्रधानमंत्री संग्रहालय और वार मेमोरियल दिखाने का आश्वासन दिया. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने आईसीएआर-केंद्रीय शुष्क बागबानी संस्थान के प्रशिक्षुगृह का लोकार्पण भी किया.

कार्यक्रम के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ के अपने शिक्षक जीएस आचार्य से बीकानेर में सप्रेम भेंट की और उन का आशीर्वाद लिया. वे बीकानेर में रह रहे सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के अन्य सदस्यों से भी मिले.

इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री और बीकानेर के सांसद अर्जुन राम मेघवाल, सांसद कैलाश चौधरी, मूंगफली अनुसंधान संस्थान के महानिदेशक, कृषि वैज्ञानिक, विद्यार्थी व अन्य कई गणमान्य व्यक्ति और बड़ी संख्या में पधारे किसान भाई उपस्थित रहे.

सरसों नई किस्म आरएच 1975 विकसित

हिसार : विश्वविद्यालय द्वारा विकसित सरसों की यह किस्म सिंचित क्षेत्रों में समय पर बिजाई के लिए एक उत्तम किस्म है, जो कि मौजूदा किस्म आरएच 749 से लगभग 12 फीसदी अधिक पैदावार देगी.

यह किस्म हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने वर्ष 2013 में विकसित की थी. अब 10 साल बाद सिंचित क्षेत्रों के लिए इस किस्म से बेहतर किस्म आरएच 1975 ईजाद की गई है, जो कि अधिक उत्पादन के कारण किसानों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगी.

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने बताया कि जम्मू में आयोजित 30वीं वार्षिक सरसों व राई कार्यशाला में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपमहानिदेशक (फसल) डा. टीआर शर्मा की अध्यक्षता में गठित पहचान कमेटी द्वारा हाल में आरएच 1975 किस्म को सिंचित परिस्थिति में समय पर बिजाई के लिए चिन्हित किया गया है.

पैदावार के साथ तेल की मात्रा भी अधिक

कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने कहा कि 11-12 क्विंटल प्रति एकड़ औसत उत्पादन और 14-15 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता रखने वाली आरएच 1975 किस्म में लगभग 39.5 फीसदी तेल की मात्रा है, जिस के कारण यह किस्म अन्य किस्मों की अपेक्षा किसानों के बीच अधिक लोकप्रिय होगी. इस से तिलहन उत्पादन में वृद्धि के साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी.

इन राज्यों के किसानों को होगा लाभ

कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने बताया कि आरएच 1975 किस्म हरियाणा सहित पंजाब, दिल्ली, जम्मू व उत्तरी राजस्थान के सिंचित क्षेत्रों में बिजाई के लिए चिन्हित की गई है. इसलिए इन राज्यों के किसानों को इस किस्म का लाभ मिलेगा. साथ ही, उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि किसानों को इस किस्म का बीज अगले साल तक उपलब्ध करवा दिया जाएगा.

बीते वर्ष भी की थी 2 उन्नत किस्में

अनुसंधान निदेशक डा. जीतराम शर्मा के अनुसार, इस किस्म को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सरसों वैज्ञानिकों डा. राम अवतार, डा. नीरज, डा. मंजीत व डा. अशोक कुमार की टीम ने डा. राकेश पूनिया, डा. निशा कुमारी, डा. विनोद गोयल, डा. महावीर एवं डा. राजबीर सिंह के सहयोग से तैयार किया है.

उन्होंने आगे बताया कि इस टीम ने गत वर्ष भी सरसों की 2 किस्में आरएच 1424 व आरएच 1706 विकसित की हैं. ये किस्में भी सरसों की उत्पादकता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होंगी.

उन्होंने यह भी बताया कि सरसों अनुसंधान में उत्कृष्ट काम करने के लिए इस टीम को हाल ही में जम्मू में आयोजित कार्यशाला में सर्वश्रेष्ठ केंद्र अवार्ड से भी नवाजा गया है.

सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केंद्रों में शामिल हकृवि सरसों केंद्र

कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. एसके पाहुजा ने बताया कि हकृवि के सरसों केंद्र की देश के सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केंद्रों में गिनती होती है. उपरोक्त किस्मों से पहले वर्ष 2018 में विकसित की गई सरसों की किस्म आरएच 725 आज के दिन किसानों के बीच सब से अधिक प्रचलित व लोकप्रिय बन चुकी है, जो कि हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश में लगभग 20 से 25 फीसदी क्षेत्रों में अकेली उगाई जाने वाली किस्म है. यह किस्म औसतन 10-12 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार आराम से दे रही है व इस की उत्पादन क्षमता भी 14-15 क्विंटल प्रति एकड़ तक है.

खुशवंत सिंह को पैराशूट जंपिंग का सफल प्रशिक्षण

उदयपुर : उत्तर प्रदेश एयर स्क्वाड्रन के तत्वाधान में 1 सितंबर, 2023 से 25 सितंबर, 2023 तक पैराशूट जंपिंग प्रशिक्षण शिविर का पीटीऐस एयर फोर्स, आगरा में आयोजन किया गया. इस शिविर के लिए पूरे भारत से 15 लाख एनसीसी केडेट से सिर्फ 43 एनसीसी केडेट को शामिल किया गया था.

उत्तर प्रदेश एयर स्क्वाड्रन आगरा के कमान अधिकारी विंग कमांडर सुमित शेखर ने बताया कि इन 43 एनसीसी केडेट का चयन बहुत ही कठिन परीक्षण के उपरांत किया गया. प्रत्येक एनसीसी केडेट इस कोर्स में भाग लेना चाहता है. ऐसे में काफी जटिल चयन प्रक्रिया से पूरे देश से 23 लड़के एवं 20 लड़कियों को इस के लिए चयनित किया गया था. इस कोर्स में केडेट को लगभग 1200 फीट की ऊंचाई से पैराशूट बांध कर कूदना होता है और जमीन पर सुरक्षित रूप से उतरना होता है.

उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया अपनेआप में काफी खतरनाक है, परंतु इस कोर्स में यह पूरी प्रक्रिया बहुत ही सूक्ष्मता के साथ बताई जाती है एवं प्रत्येक केडेट की शारीरिक प्रबलता एवं मानसिक संतुलन को परिष्कृत किया जाता है, ताकि हर विषम एवं विपरीत परिस्थिति में भी केडेट बिना किसी पीड़ा या परेशानी के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके.

महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. लोकेश गुप्ता ने बताया कि महाविद्यालय के द्वितीय वर्ष डेरी प्रौद्योगिकी के छात्र खुशवंत सिंह राठौड़ ने इस प्रशिक्षण शिविर में चयनित हो कर महाविद्यालय को गौरवान्वित किया है.

Parachute Jumpingडा. लोकेश गुप्ता ने कहा कि एनसीसी का यह सब से बड़ा शिविर है, जिस के लिए खुशवंत सिंह राठौड़ ने पूरे देश के 15 लाख एनसीसी केडेट से प्रतिस्पर्धा कर यह कठिन लक्ष्य प्राप्त कर अपने मजबूत इरादों का प्रदर्शन किया था. ऐसे में मुझे पूरा यकीन था कि खुशवंत सिंह कठिन से कठिन लक्ष्य प्राप्त कर मेवाड़ धरा को गौरवान्वित करेंगे और मुझे खुशी है कि खुशवंत सिंह ने निराश नहीं किया. प्रशिक्षण शिविर में प्रत्येक केडेट को एक बार पैराशूट जंपिंग अनिवार्य है, परंतु दृढ़ प्रतिज्ञ खुशवंत सिंह ने एक बार नहीं, बल्कि 3 बार पैराशूट जंपिंग कर अपने अडिग हौसलों का प्रदर्शन किया है. इस के लिए खुशवंत सिंह को एनसीसी ने प्रमाणपत्र भी प्रदान किया है.

एमपीयूएटी के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि यह बहुत ही हर्ष का विषय है कि डेरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के छात्र खुशवंत सिंह राठौड़ ने काफी बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है, इस के लिए छात्र एवं उस के मातापिता के साथ महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय बधाई के पात्र हैं. उन्होंने सभी विद्यार्थियों से आह्वान किया है कि शिक्षा के साथ देशसेवा का भी ध्येय होना चाहिए.

वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी और एमपीयूएटी के मध्य नया समझौता

नई दिल्ली/ उदयपुर : 18 सितम्बर, 2023. वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया और महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी औफ एग्रीकल्चर एंड टैक्नोलौजी, उदयपुर के बीच दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.

वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. वर्ने ग्लोवर एवं एमपीयूएटी के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते में पिछले वर्ष हुए समझौते को अगले 5 वर्ष के लिए बढ़ाया गया है.

कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि यह हम सभी के लिए एक अभूतपूर्ण पल है, जिसे संजोया जाना चाहिए.

Agreementउन्होंने आगे कहा कि इस एमओयू के मध्यम से एमपीयूएटी और वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय के मध्य शोध और विधार्थियों के उच्च अध्ययन को नए आयाम मिलेंगे. इस समझौते के द्वारा हमारे विद्यार्थियों को आस्ट्रेलिया के श्रेष्ठतम शिक्षण संस्थान में अध्ययन एवं शोध का अवसर मिलेगा. इस वर्ष मृदा एवं जल अभियांत्रिकी विभाग सीटीआई के 2 छात्रों का चयन पीएचडी के लिए डुएल डिगरी प्रोग्राम के अंतर्गत हो चुका है, जिस का पूरा खर्च वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय देगा. अभी पिछले माह ही एमपीवीटी के 14 छात्र वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर वापस लौटे हैं.

सीटीआई के डीन डा. पीके सिंह ने बताया कि इस समझौते के तहत पीएचडी के छात्रछात्राओं को आस्ट्रेलिया आवास के दौरान 30,000 आस्ट्रेलियन डालर प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. इस के अलावा उच्च लागत वाली परियोजनाओं में 6,000 आस्ट्रेलिया डालर एवं कम लागत वाली परियोजना के लिए न्यूनतम राशि प्रदान की जाएगी.

मत्स्य विकास अधिकारी के पदों पर चयन में सर्वाधिक एमपीयूएटी से

उदयपुर : 26सितंबर,2023. मात्स्यिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. बीके शर्मा ने बताया कि 20 से 22 सितंबर को राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा मत्स्य विकास अधिकारी के 6 पदों एवं सहायक मत्स्य विकास अधिकारी के 10 पदों पर साक्षात्कार आयोजित किए गए थे, जिस में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मात्स्यिकी महाविद्यालय के 4 विद्यार्थियों का चयन एफडीओ के पदों पर एवं 8 विद्यार्थियों का चयन एएफडीओ के पदों पर हुआ है.

विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने चयनित विद्यार्थियों को एवं मात्स्यिकी महाविद्यालय की संपूर्ण फैकल्टी को इस उपलब्धि पर बधाई दी है.

उन्होंने आगे कहा कि इन पदों पर भरती से राज्य के मात्स्यिकी विकास को नई ऊर्जा एवं गति मिलेगी. इस प्रकार राजस्थान सरकार के मत्स्य विभाग में विभिन्न पदों पर एमपीयूएटी के योग्य मात्स्यिकी स्नातकों की सेवाओं का लाभ विभाग को मिलेगा. इन भरतियों के द्वारा एफडीओ के पद पर एमपीयूएटी के पूर्व छात्र क्रमशः जय प्रकाश यादव, डा. चेतन कुमार गर्ग, डा. महेश चंद सोनवाल एवं डा. लखन लाल मीना का चयन हुआ है और एएफडीओ के पद पर रवि कुमार पटेल, चेतन कुमार गर्ग, विकास चाहर, शुभम वार्ष्णेय, डा. राजपाल यादव, प्रवीण कुमार, नितिन शर्मा व मेघ चंद मीना का चयन हुआ है.

महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डा. एलएल शर्मा ने बताया कि वर्ष 2015-16 के बाद मत्स्य विभाग में अधिकारियों के एक पद पर भरती हुई है, जो कि हर्ष का विषय है. हालांकि विगत वर्ष 2019 से इन पदों पर भरती प्रक्रिया चल रही थी.

उन्होंने आगे यह भी बताया कि अभी भी मत्स्य विभाग में अनेक पद रिक्त हैं, विशेष तौर पर फिशरीज इंस्पैक्टर के तो 35 पद खाली हैं, जिस से फील्ड स्तर पर राजस्थान सरकार एवं भारत सरकार की विभिन्न मत्स्य विकास परियोजनाओं एवं मछलीपालन के विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन सुचारु रूप से नहीं हो पा रहा है. यदि इन पदों पर भी शीघ्र ही भरती होती है, तो अवश्य ही राज्य के मात्स्यिकी विकास को नई गति मिलेगी. तेजी से बढ़ते इस क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा, इस से दक्षिणी राजस्थान के जनजाति बाहुल्य क्षेत्र के मछुआरों को विशेष लाभ मिलेगा.

सहकारी समितियों का पंजीयन केवल औनलाइन

भोपाल : औनलाइन प्रक्रिया से समितियों का पंजीयन करवाने के लिए संबंधित व्यक्तियों को कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है.अब घर बैठे ही औनलाइन पंजीयन हो सकेगा.

उपायुक्त सहकारिता ने बताया कि समितियों के पंजीयन के लिए विभागीय औनलाइन पोर्टल http:icmis.mp.gov.in पर जा कर 21 व्यक्ति मिल कर सहकारी समिति का गठन कर सकते हैं. पोर्टल पर नवीन संस्था का आवेदन करने के लिए आवेदक उल्लेखित लिंक पर जा कर स्वयं एमपी औनलाइन नागरिक सुविधा केंद्र के माध्यम से आवेदन कर सकता है.

आवेदक को पोर्टल पर अपना लौग इन क्रिएट करना होगा. ऐसा करने के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर प्रविष्टि कर ओटीपी सत्यापन होगा.

प्रस्तावित संस्था की जानकारी एवं प्रथम आवेदन की जानकारी भर कर पासवर्ड निर्मित करेगा. तत्पश्चात आवेदक का लौग इन निर्मित हो जाएगा. अंशपूंजी का मूल्य दर्ज कर के प्रस्तावित सदस्यों के फोटो एवं हस्ताक्षर अपलोड कर तदर्थ कमेटी नामांकित कर दस्तावेज अपलोड कर अंशों का मूल्य एवं सदस्यता प्रवेश शुल्क का औनलाइन भुगतान करेगा. आधार नंबर से वर्चुएल आईडी जनरेट होगा और आवेदक का ई साइन कर आवेदन औनलाइन जमा करना होगा.

विभाग द्वारा आवेदन प्राप्त होने पर अधिकतम 45 दिन के भीतर आवेदन पर कार्यवाही की जाएगी. कुछ कमियां होने पर पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा, जिस की सूचना एसएमएस से दी जाएगी.

पंजीयन पोर्टल पर आवेदन मान्य होने पर पोर्टल से ही पंजीयन प्रमाणपत्र जनरेट होगा, जिस में डिजिटल हस्ताक्षर रहेंगे.