किसानों के लिए कृषि यंत्र खरीदना एक सपना होता है और हर किसान का सपना साकार हो सके इसके लिए सरकार कृषि यंत्रों की खरीद पर अच्छी – खासी सब्सिडी देती है. कौन उठा सकता है इस स्कीम का फायदा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख.

सरकार का मानना है कि आधुनिक कृषि यंत्रों की पहुंच अधिक से अधिक किसानों तक हो, ताकि उनकी खेती आसान हो सके, देश की उन्नति हो और किसानों को अच्छा लाभ भी मिल सके, इसलिए जो किसान इस सरकारी सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं, वे बिना देरी किए तुरंत करें आवेदन.

किस कृषि यंत्रों पर कितनी है सब्सिडी

कृषि यंत्रों से किसान अपने खेती के काम आसानी से निबटा सकते हैं. इसलिए प्रदेश सरकार लाभार्थियों को 3 प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दे रही है. यह सब्सिडी योजना मध्य प्रदेश के सभी जिलों के किसानों के लिए लागू की गई है और यह योजना 11 नवंबर, 2025 तक लागू है. अनेक किसान इस योजना के लिए आवेदन कर चुके हैं. अगर आप भी सब्सिडी का फायदा लेना चाहते हैं तो तुरंत करें आवेदन. इस योजना को 1 नवंबर से 11 नवंबर, 2025 तक के लिए ओपन किया गया है. कौन-से कृषि यंत्रों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, जानें –

  • रेज्ड बेड प्लांटर विथ इन्कलाइंड प्लेट प्लांटर एंड शेपर
  • मूंगफली छीलने वाला ग्राउंड नट डिकार्टीकेटर (मूंगफली छिलक-शक्तिचलित) कृषि यंत्र,
  • डी-स्टोनर / ग्रेडिएंट सेपरेटर

किस कृषि यंत्र के लिए कितना डिमांड ड्राफ्ट

कृषि यंत्र खरीद का लाभ लेने के लिए बैंक डिमांड ड्राफ्ट (DD) आवेदन के साथ किसानों को धरोहर राशि के रूप में जमा करना होगा. यह ड्राफ्ट किसान के खुद के बैंक खाते के जरीए बना होना चाहिए. धरोहर राशि के बिना किए गए आवेदन स्वीकृत नहीं होंगे. किस यंत्र के लिए कितने का बनाना होगा ड्राफ्ट, जानें –

    1. रेज्ड बेड प्लांटर विथ इन्कलाइंड प्लेट प्लांटर एंड शेपर से जमीन में बीजों के गिरने की समान गहराई और उचित दूरी तय होती है.इसके लिए 6,000 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट जमा होगा.
    2. ग्राउंड नट डिकार्टीकेटर (मूंगफली छिलकशक्तिचालित) यंत्र मूंगफली के छिलके और दानों को शक्तिचालित तरीके से अलग करता है. इसके लिए 3,000 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट जमा होगा.
    3. डीस्टोनर / ग्रेडिएंट सेपरेटर के आवेदन के लिए 3,000 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट बनवा कर जमा करना होगा. डीस्टोनर या ग्रेडिएंट सेपरेटर अनाज या बीजों से पत्थर और मिट्टी को अलग करने में मदद करता है, जिससे साफ-सुथरा अनाज मिलता है.

तीनों ही कृषि यंत्र किसानों के लिए बड़े काम के हैं इसलिए किसान अपने मनमाफिक कृषि यंत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं. इन आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग से किसानों की उपज बढ़ेगी और श्रम व लागत दोनों में कमी आएगी.

Farm Machinery Scheme

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज :

कृषि अभियांत्रिकी विभाग की ओर से चलाई जा रही ई. कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत आवेदन करते समय किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होगी.

  • आवेदक किसान का आधार कार्ड,
  • किसान की जमीन के कागज जिसमें खतौनी/सहायक कृषि यंत्री के नाम से स्वयं के खाते में बना बैंक डिमांड ड्राफ्ट जमा करना होगा, 
  • इसके अलावा 50 एचपी से अधिक शक्ति वाले ट्रैक्टर की आरसी भी जमा करनी होगी,
  • जो किसान एससी, एसटी वर्ग से हैं उन के लिए जाति प्रमाणपत्र जमा करना होगा.
  • इसके अलावा किसान के बैंक खाते की पासबुक की फोटोकॉपी भी जमा करनी होगी.

कैसे और कहां करें आवेदन

कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय भोपाल,म.प्र. द्वारा यह योजना लागू है. कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की आवेदन प्रक्रिया जारी है, इसलिए मध्य प्रदेश राज्य के सभी जिलों के किसान के ई. कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर 3 प्रमुख कृषि यंत्रों हेतु आवेदन कर सकते हैं.  ई. कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत प्रदेश के किसानों को इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट पोर्टल dbt.mpdage.org पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

आवेदन की अंतिम तारीख 11 नवंबर, 2025 है, जो भी किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं वे बिना देरी किए सस्ते दामों पर अपनी पसंद का कृषि यंत्र खरीद सकते हैं. समय पर आवेदन करने वाले किसानों  को ही चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा.योजना व आवेदन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर भी विजिट करके जानकारी ले सकते हैं.

योजना से संबंधित महत्त्वपूर्ण लिंक

योजना के लिए आधिकारिक वेबसाइट लिंक– https://farmer.mpdage.org

आवेदन के लिए लिंक – https://farmer.mpdage.org/Registration/AadharVerification

जिलेवार सहायक कृषि यंत्री की सूची के लिए लिंक – https://www.mpdage.org/Advertisement/e-krishi-DD_090921062243.pdf

मध्य प्रदेश के किसान 3 खास कृषि यंत्रों की खरीद के लिए प्रदेश सरकार द्वारा जारी सब्सिडी योजना का लाभ उठाएं और करें स्मार्ट खेती.

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