ग्वालियर : पेट्रोलियम सेक्टर में अग्रणी कंपनी इंडियन औयल कार्पोरेशन की अगुआई आदर्श गौशाला व गोबर आधारित सीबीजी संयंत्र यानी कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्र की नींव ग्वालियर में रखी गई.
इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुरू से ही वेस्ट टू वैल्थ पर जोर रहा है. इस दिशा में यह सीबीजी संयंत्र काफी कारगर साबित होगा.
10,000 गायों की गौशाला में शुरू हुआ प्लांट
मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रकृति का जो नियम है, उस के अनुरूप काम करने से समाज जीवन संतुलित रहता है और प्रकृति भी संतुलित रहती है. इसीलिए भारत सरकार द्वारा गोबर धन योजना भी लाई गई है.
उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि ग्वालियर में लगभग 10,000 गायों की देखरेख इस गौशाला में की जा रही है और उन की पहल पर ही यह सीबीजी संयंत्र लगाया जा रहा है, जिस से वेस्ट टू वैल्थ की थीम भी यहां सार्थक होगी.
31 करोड़ रुपए की लागत वाला होगा यह संयंत्र
मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी व धर्मेंद्र प्रधान और इंडियन औयल कार्पोरेशन की टीम को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने 31 करोड़ रुपए की लागत से इस परियोजना को ग्वालियर में प्रारंभ करने का निर्णय लिया है.
उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2024 में यह संयंत्र चालू होने के बाद स्वच्छ भारत की दृष्टि से भी परियोजना सार्थक होगी. यह परियोजना गोबरधन योजना की पहल के रूप में है, साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देगी, प्रदूषण समाप्त करने की दिशा में कारगर होगी, इस से रोजगार के अवसर सृजित होंगे एवं गौशाला भी आत्मनिर्भर हो सकेगी. इस से नगरनिगम अपने वाहनों में इस से उत्पन्न ईंधन का उपयोग कर सकेगा. साथ ही, समाज व पर्यावरण को निश्चित रूप से इस से बहुत लाभ होगा.
उन्होंने कहा कि हम जैविक व प्राकृतिक खेती की बात कर रहे हैं, उस दिशा में जाने में भी इस से मदद मिलेगी.
क्या है कंप्रेस्ड बायो गैस
भारत का पेट्रोलियम मंत्रालय कंप्रेस्ड बायो गैस के रूप में नए ईंधन विकल्पों की तलाश कर रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा जैव ईंधन के क्षेत्र में वर्ष 2030 तक 20 फीसदी की बढ़ोतरी किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन इसे घटा कर अभी वर्ष 2025 कर दिया गया है.
कंप्रेस्ड बायो गैस अत्यंत ज्वलनशील पदार्थ है, जिसे वाहनों को चलाने और खाना पकाने के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा. इस गैस को बायोमास से तैयार किया जाता है. बायोमास यानी कृषि अपशिष्ट, मवेशी गोबर, शुगरकेन प्रेस मड, नगरनिगम ठोस अपशिष्ट व सीवेज उपचार संयंत्र अपशिष्ट आदि से निकला हुआ गैस. इस में करीब 55 फीसदी से ले कर 60 फीसदी तक मीथेन, 40 से 45 फीसदी कार्बन डाई औक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड होता है. जब बायो गैस में से कार्बन डाई औक्साइड, जल वाष्प व हाइड्रोजन सल्फाइड को हटाया जाता है और फिर कंप्रेस्ड किया जाता है, तो सीबीजी यानी कंप्रेस्ड बायो गैस प्राप्त होता है. इस में मीथेन की मात्रा 90 फीसदी होती है. इस गैस का इस्तेमाल आटोमोटिव, इंडस्ट्री और कामर्शियल क्षेत्र में सीएनजी की जगह किया जा सकेगा. इस के उत्पादन और उपयोग से कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, प्रदूषण में कमी, जलवायु परिवर्तन में लाभ, किसानों को अतिरिक्त लाभ होगा.
इतनी होगी कीमत
कंप्रेस्ड बायो गैस की शुरुआती कीमत 46 रुपए होगी, जिस पर 5 फीसदी जीएसटी यानी 2.30 रुपए लगाया जाएगा. इस आधार पर इस की कीमत 48.30 रुपए प्रति किलोग्राम तय की गई है.
ये लोग रहे शामिल
कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) एवं नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, गौशाला के संचालक ऋषि महाराज, इंडियन औयल के कार्यकारी निदेशक शांतनु गुप्ता, तेल उद्योग राज्य स्तरीय समन्वयक दीपक कुमार बसु सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हुए.