किसानों की मदद के लिए मध्य प्रदेश सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है, जिस में उन्होंने 11 लाख, 19 हजार किसानों के लिए 2,123 करोड़ रुपए के ब्याज को माफ करने का फैसला किया है. इस में उन सभी किसानों को भी शामिल किया जाएगा, जिन्होंने कर्जमाफी के लिए कमलनाथ सरकार में आवेदन किया था, लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिला था.

ब्याजमाफी के लाभ से वे सभी किसान सहकारी समितियों से बिना ब्याज के ऋण प्राप्त कर सकेंगे. इस से उन्हें खरीफ फसलों के लिए खाद और बीज आसानी से मिल जाएंगे. ब्याजमाफी की इस योजना पर 1-2 दिन में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

कैसे कर्जदार हुए किसान

प्रदेश में कृषि की लागत को कम करने के लिए सरकार साधारण किसानों को बिना ब्याज के ऋण देने के माध्यम से सहकारी समितियों का सहारा लेती है. इस ऋण के जरीए किसानों को नकद राशि और खादबीज भी प्रदान किए जाते हैं. कमलनाथ सरकार ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले ‘जय किसान फसल ऋण माफी योजना’ की शुरुआत की थी.

सत्ता में आने पर इसे लागू किया गया, पर किसी भी किसान का 2 लाख रुपए तक ऋण माफ नहीं किया गया. किसानों ने ऋणमाफी की आस में ऋण जमा नहीं किया और वे अपात्र हो गए. इन्हें समितियों से रियायती दरों पर खादबीज मिलना बंद हो गया.

किसानों की परेशानी को देखते हुए वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्याज को माफ करने की घोषणा की थी. इस में उन 4.40 लाख किसानाें को भी शामिल किया गया है, जिन का आवेदन करने के बाद भी ऋण माफ नहीं हुआ था और 31 मार्च, 2023 की स्थिति में अपात्र हो गए.

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