Kisan Sarathi App : भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली की कृषि ज्ञान प्रबंधन इकाई (AKMU) ने 23 सितंबर, 2025 को ‘किसान सारथी कोष के माध्यम से कृषि परामर्श निर्माण’ विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया. यह कार्यशाला आईसीएआर परियोजना ‘किसान सारथी 2.0 : संवर्द्धन, संचालन, अनुरक्षण एवं सहयोग’ के तहत आयोजित की गई, जिसे आईसीएआर और डिजिटल इंडिया कार्पोरेशन द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया जा रहा है.
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में डा. सीएच श्रीनिवास राव, निदेशक, आईसीएआर–आईएआरआई उपस्थित रहे. इस अवसर पर डा. अनिल राय, एडीजी (आईसीटी), आईसीएआर; डा. राजेंदर प्रसाद, निदेशक, आईसीएआर–आईएएसआरआई; अनिंद्य बनर्जी, सलाहकार (डिजिटल एग्रीकल्चर), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, व डिजिटल इंडिया कार्पोरेशन और दिल्ली स्थित विभिन्न आईसीएआर संस्थानों के अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे.
इस कार्यशाला में आईसीएआर संस्थानों और सहयोगी संगठनों से लगभग 75 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य रबी फसलों के लिए परामर्शों का संयुक्त रूप से निर्माण और प्रमाणीकरण करना था.
इस अवसर पर डा. सीएच श्रीनिवास राव, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने कृषि विस्तार सेवाओं के आधुनिकीकरण में डिजिटल उपकरणों की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि ‘किसान सारथी 2.0 एक परिवर्तनकारी मंच है, जो किसानों को स्थानीय, समय पर और विश्वसनीय परामर्श उपलब्ध कराता है. इस का उपयोग किसानों के कल्याण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जिस से अनिश्चितताओं को कम किया जा सकेगा, निर्णय क्षमता में सुधार होगा और जलवायु जोखिमों के प्रति लचीलापन बढ़ेगा. ऐसे नवाचारों के माध्यम से हम एक डिजिटल रूप से सशक्त कृषि पारिस्थितिकी तंत्र की ओर बढ़ रहे हैं.’
डा. अनिल राय ने मंच के तकनीकी नवाचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘किसान सारथी (Kisan Sarathi App) केवल एक परामर्श मंच नहीं है, बल्कि वैज्ञानिकों, विस्तारकर्मियों और किसानों के बीच एक गतिशील सेतु है. किसान सारथी कोष को एक केंद्रीकृत ज्ञान भंडार के रूप में शामिल किए जाने से यह सुनिश्चित होगा कि परामर्श क्षेत्र विशिष्ट, फसल विशिष्ट और आवश्यकता पर आधारित हों और किसानों की जिज्ञासाओं का त्वरित समाधान मिल सके. तकनीक और ज्ञान प्रबंधन का यह एकीकरण कृषि विस्तार में सटीकता, गति एवं समावेशिता ले कर आएगा.’
डा. अमरेंद्र कुमार, प्रभारी, एकेएमयू, आईसीएआर–आईएआरआई ने जानकारी दी कि ‘किसान सारथी 2.0 एक उन्नत बहुभाषी और बहु चैनल आईसीटी मंच है, जिसे फसल, बागबानी, पशुपालन और मत्स्यपालन से संबंधित समयबद्ध और आवश्यकता पर आधारित कृषि परामर्श देने के लिए विकसित किया गया है. यह मंच किसानों को सही भाषा, सही स्थान और सही समय पर सटीक जानकारी प्रदान करता है, जिस से वे बेहतर उत्पादनशीलता एवं लाभप्रदता के लिए सूचित निर्णय ले सकें.’
कार्यशाला के तकनीकी सत्रों में परामर्श निर्माण और प्रसार पर व्यावहारिक प्रशिक्षण, उपयोगकर्ता प्रबंधन व अनुमोदन प्रक्रिया पर मार्गदर्शन, और किसान सारथी कोष का परिचय शामिल था. इन व्यावहारिक अभ्यासों ने प्रतिभागियों को एक ज्यादा उत्तरदायी व किसान केंद्रित परामर्श प्रणाली के निर्माण हेतु आवश्यक कौशल प्रदान किए.
कार्यशाला का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि सभी प्रतिभागी डिजिटल नवाचारों का उपयोग कर के किसानों तक समयबद्ध, स्थानीयकृत और प्रभावी सूचना वितरण सुनिश्चित करेंगे और इस तरह आत्मनिर्भर कृषि व डिजिटल इंडिया की व्यापक दृष्टि को साकार करने में योगदान देंगे.