PMFBY : किसानों को अपनी फसल को लेकर रोज अनेक समस्यायों का सामना करना पड़ता है. जिसमें प्राकृतिक आपदा से फसल ख़राब होना या जंगली जानवरों से हुआ फसल का नुकसान हो. ऐसा होने पर किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फिर जाता है. ऐसे में फसल बीमा (PMFBY) किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच है, जो किसानों को इस तरह से हुए फसल नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाता है. किसान जागरूक रहें इसके लिए सरकार द्वारा 1 से 7 दिसंबर 2025 तक फसल बीमा सप्ताह मनाया जा रहा है. इस मौके का कैसे उठाएं फायदा ? जानने के लिए पढ़े यह ख़बर –
फसल बीमा सप्ताह का किसान उठाएं लाभ
किसानों के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत 1 दिसंबर से फसल बीमा सप्ताह की शुरुआत की है. इस योजना का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसान अपनी फसल को मौसम के जोखिमों से सुरक्षित कर सकें. प्राकृतिक आपदाओं के दिनों – दिन बढ़ते खतरे को देखते हुए यह योजना किसानों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच का काम करती है.
31 दिसंबर तक करें रजिस्ट्रेशन
रबी फसलों के बीमा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तय की गई है. इसलिए समय रहते किसान तुरंत करें रजिस्ट्रेशन. अंतिम तारीख का इंतजार न करें. कई बार तकनीकी कारणों से अनेक किसान रजिस्ट्रेशन से चूक जाते हैं. कृषि विभाग द्वारा चलाया जा रहा यह जागरूकता सप्ताह किसानों को सचेत करने के लिए चलाया जा रहा है, ताकि किसान समय से फसल बीमा (PMFBY) करा सकें.
कम प्रीमियम , अधिक सुरक्षा
फसल बीमा योजना (PMFBY) की सबसे बड़ी खासियत है, इसका प्रीमियम कम होना और लाभ पूरा मिलना. कई बार प्राकृतिक आपदा ,ओलावृष्टि, आंधी तूफान आदि से किसान की पूरी की पूरी फसल बरबाद हो जाती है. और किसान लाचार हो कर यह नुकसान उठाने को मजबूर हो जाता है. ऐसे समय में बीमा योजना किसानों के लिए उस नुकसान की भरपाई का काम करती है. इसके लिए फसल नुकसान का आकलन किया जाता है उसके बाद बीमा कंपनी भरपाई की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में भेजती है. इसलिए यह किसानों के लिए बड़ी मददगार योजना है.
रजिस्ट्रेशन है आसान
योजना का लाभ लेने के लिए किसान नजदीकी जनसेवा केंद्र (CSC), क्रॉप इंश्योरेंस ऐप या राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल pmfby.gov.in पर आसानी से पंजीकरण करवा कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों के लिए एक ऐसी योजना है जो किसानों की बर्बाद हुई फसल के नुकसान की भरपाई का काम करती है. और किसान अपनी फसल को लेकर चिंतामुक्त रहता है.





