Animal Health : आज के समय पशुपालन बड़े पैमाने पर किया जाता है और अनेक लोग डेयरी फार्मिंग के जरीए अपना रोजगार कर रहे हैं, बल्कि अन्य लोगों को भी रोजगार मुहैया करा रहे हैं. बड़े पैमाने पर पशुपालन करने वाले या डेयरी फार्मिंग से जुड़े लोग ज्यादातर पशु विशेषज्ञ के संपर्क में रह कर ये काम करते हैं परंतु, जो कम दुधारू पशुओं को ले कर अपना काम कर रहे हैं या कुछ नए लोग हैं, जिन्होंने पशुपालन का काम शुरू किया है, उन को कई बार पशुओं के बीमार होने का पता नहीं चलता और जब तक उन को अपने पशु की बीमारी का पता चलता है, तब तक देरी हो चुकी होती है और कई बार उसे अपने पशु से भी हाथ धोना पड़ता है. ऐसे में पशुपालकों के लिए यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि उन के पशु सुरक्षित और स्वस्थ है या नहीं? कई बार पशुपालकों को पशुओं की बीमारी के बारे में बहुत देर से पता चलता है, जिस से पशुओं में बीमारी इतनी ज्यादा फैल जाती है कि पशुपालकों को नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में पशुपालकों को अपने पशुओं के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी होनी चाहिए.
कैसे पहचाने कि पशु बीमार है?
आप अपने पशुओं पर नजर रखे अगर आप के पशु की दिनचर्या में उस के रहनसहन में कुछ बदलाव दिखे, आप का पशु ठीक से नहीं चल पा रहा है या चलते वक्त पूरे पैरों का इस्तेमाल नहीं कर रहा है, तो समझ जाइए कि वो स्वस्थ नहीं है. क्योंकि, स्वस्थ पशु पैरों से अच्छी तरह चलते हैं. स्वस्थ पशु की पहचान है कि अकसर वो अपनी जीभ से अपनी नाक को चाटा करते हैं, यह भी ध्यान देने वाली बात है.
इस के साथ ही, यदि आप पशु के पास से गुजरते हैं, जो बैठा हुआ है, लेकिन इस के बाद भी पशु में कोई हलचल नहीं होती वह सुस्त हो, तो समझ जाइए कि पशु को कोई स्वास्थ्य समस्या हो सकती है. पशु सुस्त दिखे तो पशुपालक को अपने पशु के तापमान की जांच करनी चाहिए. कहीं उसे बुखार तो नहीं है.
अगर आप के पशु का स्वास्थ बेहतर होगा, तो उस का खानपान सही रहेगा, और वो चारा भी खाएगा. स्वस्थ पशु को अच्छी भूख लगती है. अगर आप के पशु ने अचानक से कम खाना शुरु कर दिया है तो, ये उस के बीमार होने के लक्षण हैं. इस के साथ ही, पशुओं में इन बातों का भी ख्याल रखें कि पशु की नाक साफ होनी चाहिए. पशुओं का थूथन यानी मुंह सूखा नहीं होना चाहिए.
अगर पशु अच्छे से खाना चबा नहीं रहा या धीरे चबा रहा है, तो भी दिक्कत हो सकती है. इसलिए पशु बीमारी के ये कुछ सामान्य लक्षण हैं. इन्हें नजर अंदाज न करें.
अगर पशुपालक ऊपर दिए गए किसी भी लक्षण को अपने पशुओं में देखता है, तो उसे जल्द ही किसी पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. समय पर बीमारी का पता चलने पर पशु का इलाज आसान है. जिस से आप अपने पशुधन को बचा सकते हैं.