मानसून के दस्तक देने के साथ ही अधिकतर फलदार आम, नीबू, अमरूद, लीची, अनार आदि पौधों की रोपाई का काम शुरू हो जाता है. फलदार पौधे की रोपाई के बाद सूखे न और उन का समुचित विकास हो, इस के लिए जरूरी हो जाता है कि किसान पौध रोपाई के पूर्व की जाने वाली सावधानियों और कामों को समय से पूरा करें.
तुरंत गड्ढा खोद कर पौध लगाने से एक तो पौध की सही से बढ़वार नहीं हो पाती और जड़ें नीचे तक नहीं जा पाती हैं. वहीं पौधे को पोषक तत्त्वों की खुराक नहीं मिल पाती और पत्तियां जलने लगती हैं.
इस के अलावा पौधा गोमोसिस बीमारी की चपेट में आ जाता है, जो धीरेधीरे सूख जाता है. बाग लगाने के पहले खोदे गए गड्ढे में पौध रोपण से पौधे को भरपूर पोषक तत्त्व मिलते हैं और फल भी जल्दी प्राप्त होने लगता है.
एक बात का खास खयाल रखें कि बाग लगाने की तैयारी कर रहे हैं, तो मिट्टी जांच जरूर कराएं, इसलिए बगीचों की स्थापना के लिए जगह के चयन, रेखांकन के बाद गड्ढे बनाने का काम जल्द पूरा किया जाना चाहिए. समय पर इस में डाले जाने वाले उर्वरक और खाद को मिट्टी में मिला कर इन का उचित रोपण करें.
ये काम पौध रोपित करने के बाद नहीं किए जा सकते हैं, इसलिए खेत की तैयारी और गड्ढा बनाने का काम शीघ्र पूरा करना चाहिए. पौधा लगाते समय अगर किसी प्रकार की कोई कमी रह जाती है, तो बगीचों के संपूर्ण जीवनकाल में इस कमी को पूरा नहीं किया जा सकता है.