लखनऊ: मोटे अनाज में सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन और खनिज की प्रचुर मात्रा पाई जाती है. इसीलिए मोटे अनाजों को संतुलित आहार के साथसाथ एक सुरक्षित वातावरण के निर्माण में काफी मुफीद माना जाता है. इसे सेहत के लिहाज से सब से अच्छे खाद्यान्नों में शामिल किया गया है. बीते सालों से दुनियाभर में मोटे अनाजों की खेती पर खासा जोर दिया जा रहा है.

अगर हम भारत के नजरिए से देखें, तो बीते दशकों में मोटे अनाजों की खेती के रकबे में काफी कमी दर्ज की गई थी, लेकिन इस साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स या मोटा अनाज वर्ष के ऐलान के बाद मोटे अनाजों की मांग में काफी उछाल आया है. इसी वजह से देश के सभी राज्यों में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए तमाम सहूलियत वाली स्कीमों की घोषणाएं और पहल की जा रही है.

इस दिशा में खेतीबारी के काम से जुडी गंवई महिला किसानों की आमदनी बढ़ाने और मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपने प्रयासों में तेजी लाना शुरू कर दिया है.

सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल व उन के निदेर्शों के अनुपालन में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को और धार दी जा रही है. देश व प्रदेश में मोटे अनाजों के महत्व व महत्ता को बढ़ावा देने की मुहिम में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है और इस दिशा में सार्थक व सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं.

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