Drones : आजकल खेती में नएनए प्रयोग हो रहे हैं, नईनई तकनीकें आ रही हैं और उन आधुनिक तकनीकों को अपनाने से खेती में कम मेहनत और कम समय में अच्छी और गुणवत्तायुक्त पैदावार भी मिल रही है. जमीन से ले कर आसमान तक में उड़ने वाले यंत्र बन रहे हैं.
ऐसी ही एक तकनीक है कृषि ड्रोन (Drones) तकनीक. खेती में ड्रोन का इस्तेमाल होने लगा है और ड्रोन बनाने वाली अनेक कंपनियां इस में उतर पड़ी हैं. हालांकि ड्रोन महंगा यंत्र है, लेकिन इस तकनीक को किसानों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार भी मदद कर रही है और वह इस यंत्र की खरीद पर अच्छी सब्सिडी भी मुहैया करा रही है.
किसान ड्रोन की 4 उन्नत वैराइटी
फसलों पर कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन (Drones) उम्दा यंत्र है. इस ड्रोन को कैमरा तकनीक से भी जोड़ा गया है, जिस से खेत में कीड़े, बीमारियां, पानी की देखभाल, खरपतवार और जानवरों की निगरानी कर सकते हैं.
ड्रोन (Drones) में मौजूद सैंसर फसल में बढ़ते कीड़ों और बीमारियों के जोखिम या अन्य समस्याओं के प्रति किसानों को आगाह कर देते हैं.
कार्बन फाइबर कृषि ड्रोन-मोड 2
आसानी से चलने वाले इस किसान ड्रोन (Drones) को केसीआई हैक्साकौप्टर कहते है. इस ड्रोन में फसलों पर छिड़काव के लिए 10 लिटर तक तरल कीटनाशक भर सकते हैं. भारत में इसे लगभग 3 लाख, 60 हजार की कीमत पर बेचा जा रहा है. सब से खास बात यह है कि इस ड्रोन को एनालौग कैमरा टैक्नोलौजी से भी जोड़ा गया है, जिस से फसलों की निगरानी आसान हो जाती है.
एस-550 स्पीकर ड्रोन
लगभग 4 लाख, 50 हजार रुपए की कीमत वाले इस ड्रोन से खेत में 10 लिटर तरल पदार्थ भर कर फसल पर छिड़का जा सकता है. इस किसान ड्रोन में सैंसर भी लगाए गए हैं, जो जोखिम से पहले ही किसानों को सचेत कर सकते हैं.
केटी-डौन ड्रोन
खास सुविधा वाला यह ड्रोन 10 से 100 लिटर तक कीटनाशक या अन्य तरल पदार्थ का भार झेल सकता है. इस ड्रोन की कीमत तकरीबन 3 लाख रुपए तक हो सकती है.
आईजी ड्रोन एग्री
यह ड्रोन अन्य ड्रोन के मुकाबले अधिक आधुनिक है. यह हवा में तेजी से घूमने में सक्षम है. इस में फसलों पर छिड़काव के लिए 5 से 20 लिटर तक कीटनाशक और तरल उर्वरक भर सकते हैं. इस कृषि ड्रोन की कीमत तकरीबन 4 लाख रुपए के आसपास हो सकती है.
कृषि ड्रोन खरीदने पर 50 फीसदी तक सब्सिडी
भारत में ज्यादा से ज्यादा किसान ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर सकें इस के लिए ट्रेनिंग और सब्सिडी भी दी जाती है. इस में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति, लघु और सीमांत महिलाओं व पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन की खरीद पर 50 फीसदी सब्सिडी या अधिकतम 5 लाख रुपए आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाते हैं. सामान्य वर्ग के किसानों के लिए ड्रोन की खरीद पर अधिकतम 4 लाख की सहायता राशि और 40 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है.
कृषि संस्थानों को किसान ड्रोन की खरीद के लिए कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान, आईसीएआर संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को इस तकनीक के प्रसारप्रचार के लिए 100 फीसदी तक सब्सिडी का लाभ दिया जाता है.