Training : पटना के बीएलडीए (पशुधन विकास अभिकरण) के परियोजना निदेशक के तत्त्वावधान में तथा बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के प्रसार शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत 30 दिवसीय आवासीय मैत्री प्रशिक्षण (Training) कार्यक्रम का आरंभ हुआ.

इस प्रशिक्षण (Training) का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कृत्रिम गर्भाधान, पशु प्रजनन एवं पशु चिकित्सा के क्षेत्र में दक्ष बनाना है, ताकि वे न केवल स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें, बल्कि पशुपालकों को तकनीकी सहायता प्रदान कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत भी बना सकें.

इस कार्यक्रम में कुल 30 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं, जिन में 5 बांका जिले से, 10 अररिया से और 15 कटिहार जिले से शामिल हुए हैं.

इस अवसर पर बीएयू, सबौर के प्रसार शिक्षा निदेशक डा. आरके सोहाने, सहायक प्रसार शिक्षा निदेशक डा. आरएन सिंह, सह प्राध्यापक सह वरिष्ठ वैज्ञानिक और गाइनोइकोलौजी व औब्स्टेट्रिक्स विशेषज्ञ डा. राजेश कुमार, निदेशक छात्र कल्याण डा. श्वेता संभवि, वास्तु विशेषज्ञ डा. एम जेड होदा (केवीके, सबौर) और सहायक प्राध्यापक सह कनिष्ठ वैज्ञानिक डा. ज्योतिमाला साहू उपस्थित रहे.

अपने संबोधन में डा. आरके सोहाने ने प्रतिभागियों को कृत्रिम गर्भाधान की उपयोगिता और ग्रामीण पशुपालन में इस की भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि तकनीकी ज्ञान से लैस युवा पशुपालन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं.

डा. राजेश कुमार ने मैत्री प्रशिक्षण (Training) की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस दौरान विभिन्न विशेषज्ञ प्रतिभागियों को मार्गदर्शन देंगे. प्रशिक्षण में उन्हें महत्त्वपूर्ण दवाओं की जानकारी, पशु रोगों की पहचान, उपचार विधियों और फील्ड में उपयोग होने वाली व्यावहारिक तकनीकों से अवगत कराया जाएगा. इस से प्रशिक्षणार्थी कार्यक्रम उपरांत सीधे फील्ड में कार्य करने में सक्षम होंगे.

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