NIRF Ranking 2025 : आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), जिसे लोग पूसा संस्थान के नाम से जानते हैं, ने एक बार फिर राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है. शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (NIRF) 2025 में आईएआरआई ने बेहतर प्रदर्शन किया है.

आईएआरआई ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त कर कृषि शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में अपनी अग्रणी स्थिति को एक बार फिर से स्थापित किया है. नवप्रवर्तित सतत विकास लक्ष्य (SDG) श्रेणी में संस्थान ने प्रभावशाली शुरुआत करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया, जहां यह केवल आईआईटी मद्रास से पीछे रहा. यह उपलब्धि सतत विकास, समावेशन और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की दिशा में आईएआरआई के सशक्त योगदान को प्रदर्शित करती है.

समग्र श्रेणी में आईएआरआई को 24वां स्थान, जबकि अनुसंधान संस्थानों की श्रेणी में 29वां स्थान प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8 स्थानों की उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाता है. यह उपलब्धि शिक्षण, अधिगम और संसाधन, अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास, स्नातक परिणाम और समावेशन जैसे कठोर मूल्यांकन मानकों पर आईएआरआई की बढ़ती राष्ट्रीय प्रासंगिकता और वैश्विक पहचान को दर्शाती है.

पुरस्कार समारोह में, आईएआरआई के निदेशक डा. सी.एच श्रीनिवास राव और डीन डा. अनुपमा सिंह ने संस्थान की ओर से यह सम्मान प्राप्त किया. इस अवसर पर दोनों ने वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को उन की कड़ी मेहनत, निष्ठा और सामूहिक प्रयासों के लिए बधाई दी, जिन की बदौलत आईएआरआई नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है.

अपनी खुशी व्यक्त करते हुए डा. सीएच श्रीनिवास राव, निदेशक, आईएआरआई ने कहा, “यह उपलब्धि आईएआरआई की वैज्ञानिक उत्कृष्टता, नवाचार और टीम भावना का प्रमाण है. यह संस्थान की उस दृष्टि को दर्शाती है, जिस के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य और पोषण सुरक्षा, सतत कृषि तथा कृषि विज्ञान के क्षेत्र में भारत की वैश्विक नेतृत्व भूमिका सुनिश्चित की जा रही है.

“एनआईआरएफ रैंकिंग (NIRF Ranking 2025) में हमारा निरंतर सुधार संकाय, कर्मचारियों और विद्यार्थियों की अथक निष्ठा का परिणाम है. यह हमें अपनी शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार प्रणालियों को और मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है, ताकि किसानों और राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके.”

एनआईआरएफ 2025 रैंकिंग (NIRF Ranking 2025) में यह पहचान न केवल आईएआरआई की स्थिति को देश के सर्वोच्च कृषि संस्थान के रूप में और मजबूत करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि संस्थान खेती के भविष्य को आकार देने, किसानों को सशक्त बनाने और विकसित भारत के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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