Startup Cell: बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है. विश्वविद्यालय के स्टार्टअप सैल (Startup Cell) को उद्योग विभाग, बिहार सरकार द्वारा जारी जुलाई माह की रैंकिंग में राज्यभर के 46 स्टार्टअप केंद्रों में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है. यह उपलब्धि न केवल बीएयू के शैक्षणिक और अनुसंधान योगदान का प्रमाण है, बल्कि राज्य में कृषि पर आधारित उद्यमिता के सशक्त होते भविष्य की ओर संकेत भी है.

जारी रैंकिंग में बीएयू, सबौर का स्टार्टअप सैल (Startup Cell)  दूसरे स्थान पर रहा. इस के बाद राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (आरपीसीएयू), पूसा को तीसरा और गवर्नमैंट इंजीनियरिंग कालेज, औरंगाबाद को चौथा स्थान मिला. यह रैंकिंग राज्य सरकार द्वारा स्थापित विभिन्न इनक्यूबेशन और स्टार्टअप केंद्रों की गतिविधियों, उपलब्धियों और प्रभाव के आधार पर तय की गई.

कुलपति का वक्तव्य

इस सफलता पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने कहा, “यह उपलब्धि बीएयू की नवाचार एवं कृषि उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की सतत प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट प्रमाण है. हमारा स्टार्टअप सैल (Startup Cell) युवाओं को प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और तकनीकी सहयोग प्रदान कर उन की नवीन सोच को व्यावसायिक सफलता में बदलने का कार्य कर रहा है. विश्वविद्यालय का उद्देश्य बिहार को एक प्रमुख एग्री बिजनैस हब के रूप में स्थापित करना है, ताकि राज्य के किसान और युवा उद्यमी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी जगह बना सकें.”

अनुसंधान निदेशक का वक्तव्य

बीएयू के अनुसंधान निदेशक एवं स्टार्टअप सैल (Startup Cell) के नोडल अधिकारी डा. अनिल कुमार सिंह ने कहा, “यह उपलब्धि हमारी टीम की सामूहिक मेहनत और रणनीतिक दृष्टिकोण का परिणाम है. स्टार्टअप सैल के माध्यम से हम न केवल नवाचारों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, बल्कि उन्हें व्यावसायिक मौडल में बदलने की दिशा में ठोस कदम भी उठा रहे हैं. हमारे प्रयास युवाओं को कृषि आधारित स्टार्टअप्स, एग्रीटैक, वैल्यू एडिशन और एग्री बिजनैस के नए अवसरों की ओर अग्रसर कर रहे हैं. आने वाले वर्षों में हमारा लक्ष्य और अधिक स्टार्टअप्स को तैयार कर बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देना है.”

टीम का योगदान

इस उपलब्धि में फैकल्टी इंचार्ज डा. नीतू कुमारी और स्टार्टअप समन्वयक मेघा कुमारी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है. दोनों ने नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रमों, मार्गदर्शन सत्रों, उद्यमियों की समस्याओं के समाधान और व्यक्तिगत परामर्श के माध्यम से स्टार्टअप्स को आवश्यक सहयोग प्रदान किया.

महत्त्व और प्रभाव

बीएयू का स्टार्टअप सैल (Startup Cell) अब कृषि अनुसंधान, नवाचार और व्यवसायीकरण को जोड़ने वाले एक मजबूत मौडल के रूप में उभर रहा है. यह न केवल विश्वविद्यालय की नेतृत्व क्षमता को प्रदर्शित करता है, बल्कि बिहार को कृषि पर आधारित व्यवसाय एवं नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में भी योगदान दे रहा है.

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