Bihar Agricultural University: बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (BAU), सबौर ने एक बार फिर बिहार का गौरव बढ़ाया है. इस यूनिवर्सिटी का चयन ‘राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता’ पर आधारित एक महत्त्वपूर्ण अध्ययन में प्रमुख भागीदार के रूप में किया गया है. यह अध्ययन फाउंडेशन फौर इनोवेशन एंड टैक्नोलौजी ट्रांसफर (FITT), IIT दिल्ली द्वारा नीति आयोग के सहयोग से किया गया.
इस अध्ययन का उद्देश्य यह मूल्यांकन करना है कि राज्य का यह कृषि विश्वविद्यालय किस तरह से भारत के अनुसंधान और उद्यमिता को आकार दे रहे हैं, विशेषकर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, नवाचार आधारित शिक्षा और स्टार्टअप इनक्यूबेशन के क्षेत्र में BAU (Bihar Agricultural University) का चयन इस की निरंतर प्रगति, राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में लगातार बेहतर प्रदर्शन और कृषि नवाचार व उद्यमिता संवर्द्धन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर उभरती प्रतिष्ठा का परिणाम है.
BAU (Bihar Agricultural University) सबौर में अध्ययन दल ने विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ विस्तृत परामर्श के अतिरिक्त 32 संकाय सदस्यों और 27 छात्रों के साथ 2 फोकस्ड ग्रुप डिस्कशन (FGD) आयोजित किए. इन सत्रों का संचालन नीति आयोग से डा. बिनीत सिंह ने किया. चर्चाओं में विश्वविद्यालय की अनुसंधान अवसंरचना, नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र, बौद्धिक संपदा प्रबंधन और एग्रीप्रेन्योरशिप पहलों का आकलन किया गया.
इस उपलब्धि पर कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने कहा, “यह बिहार और BAU के लिए गर्व का क्षण है. IIT दिल्ली और नीति आयोग द्वारा मान्यता मिलना हमारे उस सफर की मजबूत पुष्टि है, जिस में हम कृषि प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता के राष्ट्रीय केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर हैं. हमारा लक्ष्य कृषि अनुसंधान और नवाचार को सशक्त बनाना है तथा एक ऐसी उद्यमशील संस्कृति का निर्माण करना है जिस से सीधे किसानों, स्टार्टअप्स और उद्योगों को लाभ मिले.”
इस कार्यक्रम का समन्वयन डा. आदित्य सिन्हा, सहायक प्राध्यापक, बिहार कृषि महाविद्यालय, सबौर द्वारा किया गया.
इस उपलब्धि के साथ BAU (Bihar Agricultural University) सबौर ने कृषि क्षेत्र में नवाचार आधारित का प्रमुख केंद्र बन कर स्वयं को स्थापित किया है. यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की राष्ट्रीय परिकल्पना से सीधे जुड़ती है और एक ज्ञान आधारित, आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है.