बस्ती : बस्ती जिले के सदर ब्लाक के गांव गौरा के निवासी नेशनल अवार्डी किसान राममूर्ति मिश्र को काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में आईसीएआर-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कानपुर द्वारा आयोजित कृषि विज्ञान केंद्रों के 30वें वार्षिक कार्यशाला में मोटे अनाजों व काला नमक धान की खेती के लिए मुख्य अतिथि प्रो. पंजाब सिंह, कुलाधिपति, रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी, पूर्व कुलपति, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी और पूर्व सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (आईसीएआर), नई दिल्ली, द्वारा प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.

इस मौके पर डा. शांतनु कुमार दुबे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कानपुर, डा. रंजय कुमार सिंह, सहायक महानिदेशक (कृप्र), भाकृअनुप, नई दिल्ली, डा. केके सिंह, कुलपति, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ, डा. एके सिंह, कुलपति, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर, डा. यूएस गौतम, उपमहानिदेशक (कृषि प्रसार), भाकृअनुप, नई दिल्ली, प्रो. वीके शुक्ला, कुलगुरु, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी व डा. यशवंत सिंह, निदेशक, कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी भी उपस्थित रहे.

अतिथियों ने मोटे अनाजों का किया अवलोकन

कृषि विज्ञान केंद्रों के 30वें वार्षिक कार्यशाला काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी किसान राममूर्ति मिश्र द्वारा खुद द्वारा उपजाए मोटे अनाजों की को 3 दिनों तक स्टाल लगा कर प्रदर्शित किया जा रहा है.

इस मौके पर अतिथियों और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने किसान राममूर्ति मिश्र के स्टाल पर पहुंच कर उन के द्वारा उगाए जा रहे मोटे अनाजों के बारे में जानकारी भी प्राप्त की.

किसान राममूर्ति मिश्र ने अतिथियों को जैविक तरीके से उगाए गए सांवा व कोदो के चावल को पारंपरिक तरीके से मटके में पैक करने के लाभ के बारे में बताया.

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