Advanced Techniques : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के संस्थान केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर तहसील मालपुरा, जिला टोंक (राजस्थान) की अनुसूचित जनजाति उपयोजना (टीएसपी) के माध्यम से सिकराय तहसील के ग्राम पंचायत घूमना की कड़ी की कोठी चौराहे पर किसान वैज्ञानिक संगोष्ठी एवं खरीफ की फसलों के गुणवत्ता बीज वितरण कार्यक्रम का आयोजन 9 जून, 2025 को किया गया.
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत इस कार्यक्रम में अविकानगर संस्थान एवं कृषि विज्ञान केंद्र दौसा के वैज्ञानिक एवं कर्मचारीयों ने भी किसानों को उन्नत और नवीन कृषि तकनीक सहित पशुपालन की खास तकनीकियों के बारे में भी जानकारी दी.
केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा तहसील में स्थित है, जो साल 1962 से राजस्थान राज्य के किसानों के साथ देश के किसानों को भेड़बकरी व खरगोश पालन पर प्रशिक्षण, उन्नत नस्ल के पशुओं का वितरण, उन का वैज्ञानिक प्रबंधन के साथ विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहा है. इस 9 जून के किसान वैज्ञानिक संगोष्ठी कार्यक्रम में केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के निदेशक व स्टेट कोऔर्डिनेटर विकसित कृषि संकल्प अभियान, डा. अरुण कुमार तोमर मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम मे शामिल हुए.
इस कार्यक्रम में उन के साथ कृषि विज्ञान केंद्र दौसा के प्रभारी डा. बनवारी लाल जाट एवं उन की टीम के सदस्य डा. अक्षय चितोड़ा, डा. देवेंद्र मीना अविकानगर के पशु कार्यिकी, जैव रसायन विभाग के अध्यक्ष डा. सत्यवीर सिंह डांगी, अविकानगर संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक टीएसपी नोडल अधिकारी डा. अमरसिंह मीना, डा. चंदन गुप्ता, पंचायत समिति सिकराय के सरपंच संघ के अध्यक्ष विपिन मीना, घूमना के साथ आसपास की पंचायतो के सरपंचों ने भी विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया.
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. अरुण कुमार तोमर ने उपस्थित किसानों को वर्तमान मौसम की चुनौतियां व भविष्य की संभावनाओं के लिए कृषि एवं पशुपालन की नवीनतम तकनीकियों को अपनाने के लिए विस्तार से चर्चा की. साथ ही, रूरल इंडिया को रियल इंडिया बनाने के लिए विकसित कृषि की ओर लोगों को बढ़ने का आह्वान किया. इस के साथ ही, अपने संस्थान के पशु भेड़ एवं बकरी को वर्तमान समय के लिए सब से उपयुक्त पशु बताते हुए ऐसे पशुओं को किसानों का एटीएम बताया. जिस से किसी भी समय मांस एवं दूध बेच कर पैसा कमाया जा सकता है.
इस कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को वैज्ञानिक भेड़बकरी पालन प्रशिक्षण ले कर पशुओं के विभिन्न पालन तकनीकियों को अपने उपलब्ध संसाधनों के अनुसार अपनाने के लिए प्रेरित किया गया. अविकानगर के निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर ने उपस्थित किसानों को बताया कि संस्थान की टीएसपी उपयोजना में जनजाति भेड़पालक किसानों को प्राथमिकता देते हुए हमने आप के क्षेत्र के जनजाति भेड़पालकों को संस्थान की गतिविधियों के बारे में बताया है, और आगे भी हम जनजाति भेड़पालक किसानों को प्राथमिकता के आधार पर संस्थान से जोड़ रहे हैं, जो भी जनजाति किसान भेड़पालन से जुड़े हैं, वो मेरे संस्थान के अधिकारियों से संपर्क कर इस टीएसपी उपयोजना का लाभ उठा सकते हैं.
अंत में निदेशक द्वारा उपस्थित किसानों को भारत सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के बारे में बताया गया. साथ ही, इस को प्रोत्साहन के रूप में लेते हुए अपने छोटे पशुओं के पालन को उद्यमिता विकास की ओर ले जाने के लिए किसानों को जरूरी सुझाव दिए गए. इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डा. बनवारी लाल जाट द्वारा भी वर्तमान खेती की समस्या पर किसानो के सवाल का जवाब दिया गया.
केवीके की वैज्ञानिक टीम द्वारा नकली खाद बीज एवं दवाइयों के बारे में किसानों को जागरुक करते हुए कार्यक्रम के बाद वितरित की जाने वाली विभिन्न बारिश फसलों (मुंग, ज्वार, तिल, ग्वार एवं किचन गार्डन के लिए सब्जियों की किट) की किस्म के बारे अधिक उत्पादन के लिए के लिए आवश्यक सुझाव दिए.
इस कार्यक्रम में उपस्थित वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसानों द्वारा कृषि एवं पशुपालन योजनाओं के बारे में मौजूद किसानों को जानकारी दी गई. अविकानगर संस्थान की टीएसपी उपयोजना के नोडल अधिकारी डा. अमर सिंह मीना ने बताया कि आज के कार्यक्रम में राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड, नई दिल्ली की बारिश के मौसम की विभिन्न फसलों जैसे तिल (किस्म- GT-6 1.5 क्विंटल बीज), मूंग (किस्म MH-1142 15 क्विंटल बीज), ज्वार (किस्म CSV-41 4 क्विंटल बीज), ग्वार (किस्म HG-2-20 10 क्विंटल बीज) और बेहतर पोषण के लिए किचन गार्डन सब्जियों किट आदि का भी वितरण मौजूद अतिथियों द्वारा किया गया.
इस प्रकार कुल 30.5 क्विंटल (800 बीज पैकेट) गुणवत्ता युक्त बीज का प्रथम लाइन प्रदर्शन मौजूद किसानों के खेत पर लगेंगे. अविकानगर संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में दौसा जिले की विभिन्न तहसील सिकराय, बहरावड़ा, बैजूपाड़ा, सिकंदरा आदि के विभिन्न गांवो (घूमना, जयसिंहपुरा, पाटन, बुजेट, गीजगढ़, गढ़ी, बनेपुरा, जयसिंहपुरा, नामनेर, सिकराय, कैलाई, गनीपुर, पिलोड़ी, खेड़ी रामला, निकटपुरी, दंड खेड़ा, मानपुर, लोटवाड़ा, नांदरी, गिरधारीपुरा, नाहरखोरा, लाखनपुरा, बसेड़ी, भावगढ़, गेरोटा, चांदपुर, आगवली, गेरोज, मोहलई, गडोरा आदि गांव ) के 600 से ज्यादा जनजाति किसानों ने कार्यक्रम मे पहुंच कर दी गई जानकारी से लाभान्वित हुए और उन को गुणवत्ता बीज का वितरण भी किया गया.
इस कार्यक्रम के समापन पर सरपंच घूमना एवं सिकराय सरपंच संघ के अध्यक्ष श्रीमान विपिन मीना ने कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों एवं गांव वासियों को धन्यवाद दिया और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम किसानों के लिए उपयोगी बताते हुए आयोजित करने का निवेदन निदेशक डा. अरुण कुमार तोमर से किया गया.
इस किसान वैज्ञानिक संगोष्ठी कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए अविकानगर संस्थान के वैज्ञानिक डा. चंदन गुप्ता, सहायक कर्मचारी छुट्टन लाल मीना, नरेश बिश्नोई, विष्णु भटनागर समेत घूमना गांववासियों ने अपना पूरा सहयोग दिया.