Agricultural Partnership : भारत के कृषि जगत की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले बस्तर के गौरव डा. राजाराम त्रिपाठी 28 जुलाई से 7 अगस्त 2025 तक रूस की ऐतिहासिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस विशेष यात्रा के दौरान रूस के अग्रणी कृषि विशेषज्ञ, उद्यमी और और्गैनिक उत्पादों से जुड़े दिग्गज, डा. राजाराम त्रिपाठी के साथ संवाद स्थापित कर परस्पर सहयोग की रणनीति बनाएंगे. बस्तर जैसे अंचल से वैश्विक मंच पर पहुंचने वाले डा. राजाराम त्रिपाठी की यह यात्रा न केवल भारत बल्कि रूस के कृषि जगत के लिए भी नई संभावनाओं का द्वार खोलेगी.

इस अवसर पर डाक्टर राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि भारत अपने उन्नत खेती के जरीए ही अतीत में सोने की चिड़िया कहलाता था. तमाम समस्याओं के बावजूद भारत के कृषि क्षेत्र में देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए अपार संभावनाएं निहित हैं.

कृषि जागरण समूह की विशेष पहल पर मौस्को और सेंट पीटर्सबर्ग में रूस के शीर्ष कृषि विशेषज्ञों और उद्यमियों के साथ होने वाली यह बैठकें  भारत-रूस के बीच सतत कृषि, और्गैनिक  हर्बल निर्यात और नवाचार सहयोग के नए अवसर खोलेगी.

बस्तर के पिछड़े अंचल में जन्मे डा. राजाराम त्रिपाठी आज वैश्विक मंच पर भारतीय कृषि की एक सशक्त आवाज हैं. वे भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणित और्गैनिक हर्बल फार्म “मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म” के संस्थापक हैं. उन्होंने विश्वस्तरीय काली मिर्च प्रजाति एमडीबीपी-16 विकसित कर कृषि उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है. सफेद मूसली उत्पादन व गुणवत्ता में उन का फार्म वैश्विक स्तर पर नंबर एक पर माना जाता है.

सिर्फ कुछ महीने पहले ही ब्राजील सरकार ने उन्हें कृषि भ्रमण हेतु आमंत्रित किया था और अब रूस का यह सम्मान भारत और बस्तर दोनों के लिए गर्व का क्षण है. स्टीविया की विशेष ‘बिटर फ्री’ किस्म, आयुर्वेदिक उत्पादों में शोध व नवाचार और 7 बार राष्ट्रीय स्तर पर कृषि मंत्रियों द्वारा सम्मानित होने का उन का रिकौर्ड उन्हें देश का सब से विशिष्ट और बहुश्रुत किसान नेता बनाता है.

डा. राजाराम त्रिपाठी की यह रूस यात्रा न केवल भारत रूस कृषि संबंधों को गहरा करेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ और बस्तर की धरती के गौरव को भी वैश्विक मानचित्र पर उजागर करेगी.

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