हिसार : 21 सितंबर. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में 10 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन हुआ. कार्यशाला के समापन समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.

इस कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना-संस्थागत विकास योजना (एनएएचईपी-आईडीपी) प्रोग्राम के तहत डिपार्टमेंट औफ बौटनी एवं प्लांट फिजियोलौजी द्वारा किया गया था, जिस का मुख्य विषय ‘‘बेहतर फसल प्रजनन के लिए फिजियोलौजी, फिनोमिक्स और जीनोमिक्स का अनुप्रयोग’’ रहा.

मुख्य अतिथि प्रो. बीआर कंबोज ने बताया कि यह बदलाव और सीखने का समय है, जिस में कोई भी एकांत में रह कर काम नहीं कर सकता. हम संसाधनों को एकदूसरे के साथ साझा कर के अच्छी तकनीकों को विकसित कर सकते हैं. इस के लिए एआई (आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस), मशीन लर्निंग और इमेजिज जैसी तकनीकों का इस्तेमाल कर के शोध को उच्च स्तर तक ले जा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि कृषि के क्षेत्र में ऐसी तकनीकें विकसित की जाएं, जिस से कृषि में आने वाली गंभीर समस्याओं का समय से पहले पता लगा कर कम समय में उस का निवारण किया जा सके.

उन्होंने कहा कि आजकल तेजी से बदलती पर्यावरण गतिविधियां जैसे बाढ़, बढ़ता तापमान जैसी समस्याओं से निबटने के लिए संसाधनों का संरक्षण व सही प्रयोग आवश्यक है. इसी प्रकार ज्यादा मात्रा में गुणवत्ताशील अनाज पैदा करने के लिए पोषक तत्व, उपयोग क्षमता, संसाधनों का एकीकरण और उच्च स्तर की तकनीकों का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है.

उन्होंने खेती में श्रमिकों की कमी और युवाओं की खेती में कम रुचि पर भी चिंता जताई. इस के लिए उन्होंने सेंसर जैसी उच्च स्तर की तकनीकों का इस्तेमाल कर युवाओं को खेती की तरफ आकर्षित करने का भी आह्वान किया.

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