प्रश्न- धान की पौधशाला (नर्सरी) कैसे तैयार करनी चाहिए?

उत्तर- धान खरीफ की मुख्य फसल है. अगर कुछ बातों का शुरू से ही ध्यान रखा जाए, तो धान की फसल ज्यादा मुनाफा देगी. धान की खेती की शुरुआत नर्सरी से होती है, इसलिए बीजों का अच्छा होना जरूरी है. कई बार किसान महंगा बीजखाद तो लगाते हैं, लेकिन सही उपज नहीं मिल पाती है, इसलिए बोआई से पहले बीज व खेत का उपचार कर लेना चाहिए. बीज महंगा होना जरूरी नहीं है, बल्कि विश्वसनीय और आप के क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के मुताबिक होना चाहिए. इलाके यानी जगह के हिसाब से ही धान की किस्में विकसित की जाती हैं, इसलिए किसानों को अपने जनपद / क्षेत्र के हिसाब से विकसित किस्मों की ही खेती करनी चाहिए. माह मई की शुरुआत से किसानों को खेत की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए, ताकि मानसून आते ही धान की रोपाई कर दें. किसानों को बीज शोधन के प्रति जागरूक होना चाहिए. बीज शोधन कर के धान को कई तरह के रोगों से बचाया जा सकता है.

प्रश्न- धान की नर्सरी डालने का सही समय क्या है?

उत्तर : मई के अंतिम सप्ताह में धान की नर्सरी डाल देनी चाहिए. यदि किसी कारणवश ऐसा न हो, तो जून के पहले पखवारे तक नर्सरी अवश्य डाल दें. सुगंधित किस्मों की नर्सरी जून के तीसरे सप्ताह में डालनी चाहिए.

प्रश्न- धान की किस्म का चुनाव कैसे करना चाहिए?

उत्तर- अपने क्षेत्र के मुताबिक ही धान की किस्मों को बोना चाहिए. अधिकतर किसान, बीज विक्रेता, अपने पड़ोसी या रिश्तेदार के कहने पर ही धान का बीज चुनते हैं, जबकि प्रदेश में अलगअलग क्षेत्र के हिसाब से धान की किस्मों को विकसित किया गया है, क्योंकि हर जगह की मिट्टी, वातावरण अलगअलग है. अपने क्षेत्र के लिए विकसित धान की किस्मों का चयन करें, तभी अच्छी पैदावार मिलेगी.

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