सवाल : खेतों में चूहा प्रबंधन का सही समय क्या है? चूहे के होने से क्याक्या नुकसान हो सकता है और इन की संख्या कैसे बढ़ती है? कृपया इन की रोकथाम के उपाय बताएं.

जवाब - चूहों की संख्या मईजून माह में कम होती है, इसलिए यही सही समय चूहा नियंत्रण के लिए होता है. खाद्य पदार्थों को नुकसान पहुंचाने वाले जीवों में चूहों का प्रथम स्थान है. एक चूहा दिनभर में 10-60 ग्राम तक अनाज खा सकता है.

चूहों की संख्या मनुष्य की संख्या से 6 गुना अधिक है. कुल उत्पादित खाद्यान्न का तकरीबन 8 से 10 फीसदी चूहे ही बरबाद कर देते हैं. खाने के साथसाथ अपने मलमूत्र से अनाज को भी दूषित करते हैं और रोग भी फैलाते हैं.

जोड़ी चूहा सालभर में 8 से 10 बार बच्चा देती है और एक बार में 6 से 12 बच्चे दे सकती है. एक जोड़ी चूहे यदि नियंत्रित न हों, तो एक वर्ष में तकरीबन 1,000 से 1,200 तक की संख्या बढ़ा सकते हैं

क्षेत्रविशेष गांव के लोगों को मिल कर सामूहिक रूप से चलाना चाहिए. दुनियाभर में चूहों की 500 से अधिक जातियां पाई जाती हैं. इन में से हमारे देश में 110 जातियां मिलती हैं. इन्हें 4 श्रेणियों में बांटा गया है :

1.घर का चूहा,
2.पड़ोसी चूहा,
3.खेत का चूहा,
4.जंगली चूहा.

खेतों में चूहों के प्रबंधन के लिए कम से कम 30 से 40 व्यक्तियों की टोली होनी आवश्यक है. पहले दिन बिलों का निरीक्षण करना चाहिए एवं बिलों को मिट्टी से बंद कर 2 फुट का डंडा पहचान के लिए लगा देना चाहिए. दूसरे दिन खुले हुए बिलों के पास भुना दाना चना/चावल 10 ग्राम की कागज की पुड़िया बना कर रखना चाहिए और बंद बिल के पास के डंडे हटा दें. तीसरे दिन भी पुनः सादा चारा रखना चाहिए. चौथे दिन विष चारा 8-10 ग्राम की कागज की पुड़िया बना कर प्रति बिल में सायंकाल रखना चाहिए. विष वाले चारे के लिए 56 ग्राम दाना भुना चना/चावल, 2 ग्राम जिंक फास्फाइड एवं 2 ग्राम सरसों का तेल लकड़ी से मिला कर बनाएं, विष वाला चारा रखने के दूसरे दिन सुबह मरे हुए चूहों एवं विष वाले चारे को एकत्र कर गड्ढा खोद कर ढक देना चाहिए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...