मक्का से लावा, सत्तू, आटा, रोटी, भात, दर्रा, चिउड़ी, घुघनी आदि ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से बनाया जाता है. यह ऐसी फसल है, जिस के भुट्टे दुग्धावस्था से ही प्रयोग में आने लगते हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में मक्का से विभिन्न उत्पाद बनते हैं, परंतु शहरों में घर व होटलों में कार्न फ्लैक्स के रूप में ज्यादा प्रयोग होता है. इस से मोटी कमाई भी होती है.

मक्का की खेती को कैसे बनाएं फायदे का सौदा या कैसे करें मक्का की खेती के अलावा किसानों के मन में उठे अनेक सवालों का समाधान कर रहे हैं, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक प्रो. डा. रवि प्रकाश मौर्य.

सवाल : मक्का की खेती के लिए खेत की मिट्टी कैसी होनी चाहिए एवं खेत की तैयारी कैसे करें?

जवाब : मक्का की खेती के लिए बलुई दोमट भूमि अच्छी होती है. मिट्टी पलटने वाले हल से एक गहरी जुताई करें और उस के बाद 2-3 जुताई हैरो से करें.

सवाल : खरीफ में मक्का बोआई के लिए प्रमुख किस्में कौनकौन सी हैं?

जवाब : खरीफ की उन्नत किस्में - संकर किस्मों में, पूसा संकर मक्का -5, मालवीय संकर मक्का -2, एवं प्रकाश जल्दी पकने वाली प्रजातियां (80-90 दिन) हैं.

इस के अलावा गंगा -11 और सरताज 100 से 110 दिन में पकने वाली प्रजातियां हैं.

संकुल प्रजातियों में जल्दी पकने वाली (75-85 दिन) गौरव, कंचन, सूर्या, नवजोत, एवं 100-110 दिन में पकने वाली प्रजाति प्रभात है.

सवाल : मक्का की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर बीज दर क्या है?

जवाब : इस के लिए 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है.

सवाल : खरीफ के समय मक्का बोआई का समय क्या है?

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