किसानों को कृषि से जुड़ी सहूलियतें देने के लिए तमाम राज्यों की सरकारें केंद्र सरकार के सहयोग से तमाम अनुदान योजनाओं का संचालन औनलाइन आवेदन के जरीए पारदर्शी तरीके से कर रही हैं, जिस में ट्रैक्टर से ले कर, खेतीबारी से जुड़े हाथों से चलने वाले यानी हस्तचालित और ट्रैक्टर से चलने वाले यानी ट्रैक्टरचालित कृषि यंत्र, कटाई, गुड़ाई, जुताई, मड़ाई और प्रोसैसिंग से जुड़े यंत्र, पंपसैट, लपेटा पाइप, ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंगकलर, रेनगन, कृषि गोदाम, खेततालाब योजना, खाद, बीज, बागबानी, पौलीहाउस, औषधीय खेती, सिंचाई यंत्र व उपकरण, सब्जी के बीज आदि पर अनुदान मुहैया कराया जा रहा है.

इस के अलावा बेलर, हे रेक, हैप्पी सीडर/सुपर सीडर, न्यूमैटिक प्लांटर, हाईड्रालिक प्रैस स्ट्रा बेलर (ट्रैक्टरचालित) एवं पावर हैरो, स्वचालित रीपर/रीपर (ट्रैक्टरचालित), स्ट्रा रीपर एवं श्रेडर/मल्चर, पावर वीडर, लेजर लैंड लैवलर एवं विनोविंग फेन (ट्रैक्टर/मोटर आपरेटेड), पावर वीडर, लेजर लैंड लैवलर एवं 'विनोविंग फेन (ट्रैक्टर/मोटर आपरेटेड) पर भी भारी अनुदान दिया जा रहा है.

अलगअलग योजनाओं पर राज्य और केंद्र सरकार की हिस्सेदारी के लिहाज से अनुदान राशियां तय की जाती हैं. जहां ट्रैक्टर की कुल लागत पर 40 फीसदी से ले कर 80 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है.

इनसीटू योजना के तहत क्रय किए जाने वाले कृषि यंत्रों पर भी 80 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है, जबकि अन्य कृषि यंत्रों व सिंचाई उपकरणों पर 40 फीसदी से ले कर 90 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश के किसान कृषि विभाग से ट्रैक्टर, ट्रैक्टर से जुड़े कृषि यंत्रों, अन्य कृषि उपकरणों, सोलर पंप, खेततालाब योजना, कृषि गोदाम, उन्नतशील बीज, कृषि रसायनों, थ्रेसिंग फ्लोर इत्यादि पर अनुदान के लिए दिए गए इस लिंक पर आवेदन कर सकते हैं.

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