Goat Farming: बकरी पालन एक ऐसा रोजगार है, जिसमें लागत लगती है कम और मुनाफा मिलता है ज्यादा. इस काम में अगर सरकारी योजना का लाभ मिले, तो सोने पे सुहागा वाली कहावत सार्थक होती है. आइए जानते हैं इस योजना की खासियत और कौन-कौन उठा सकता है इस बकरी पालन योजना का लाभ-

क्या है बकरी पालन योजना

गांव-देहात में मंझले और छोटे किसानों के लिए बकरी पालन (Goat Farming) हमेशा से कमाई का मजबूत जरिया रहा है. बकरी पालन कम खर्चीला, कम देखभाल और जल्दी लाभ देने वाला काम है.

अनेक किसान परिवार खेती के साथ-साथ बकरी पालन करके अतिरिक्त मुनाफा कमाते हैं, क्योंकि बकरी पालन में कोई खास देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती. कम जगह में भी बकरियां अच्छी आमदनी देती हैं और अब सरकार की बकरी पालन योजना का लाभ लेकर किसान वर्ग इसे अपना रोजगार या कमाई का जरिया बना सकता है.

बकरी पालन से मनमाफिक कमाई

बकरी पालन (Goat Farming) का कारोबार उसके दूध, मांस के लिए किया जाता है. अगर पशु मादा है तो वह लगातार आप के पशुधन में बढ़ोत्तरी करेगा और नर पशु होने पर उसके मांस मंडी में अच्छे दाम मिलना तय है.

इसके अलावा बकरी के दूध की मांग दिनों-दिन बढ़ रही है खासकर बरसात के दिनों में जब देश के अनेक हिस्सों में मलेरिया, डेंगू , चिकनगुनिया जैसे बुखार का प्रकोप अधिक होता है. उस समय बकरी का दूध ढूंढ़े नहीं मिलता है और अनेक बकरी पालक मनमाफिक दाम पर बकरी का दूध बेचते हैं.

क्या है योजना का मकसद

मध्य प्रदेश सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की इस योजना का खास मकसद छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. इसके अलावा बकरी पालन (Goat Farming) को बढ़ावा देने के साथ-साथ बकरी नस्ल में सुधार करना भी है. इसके तहत जमुनापारी, बरबरी और सिरोही जैसी उन्नत नस्लों को बढ़ाना है. बकरी पालन की इस योजना में 10 मादा बकरियों के साथ 1 नर बकरा शामिल है.

60 फीसदी तक सब्सिडी, कमाई धमाकेदार

मध्य प्रदेश एवं पशुपालन विभाग की इस योजना में बकरी पालन इकाई की शुरुआत करने के लिए 40 फीसदी तक सब्सिडी सामान्य वर्ग के लोगों को दी जाती है, जबकि एससीएसटी वर्ग के लिए यह सब्सिडी 60 फीसदी मिलती है.

आवेदन कैसे करें

बकरी पालन की इकाई की शुरुआत करने के लिए इसकी कुल लागत 77,000 रुपए आंकी गई है. यह योजना मध्य प्रदेश के किसानों के लिए है और योजना का लाभ लेने के लिए योग्य उम्मीदवार अपने नजदीकी पशुपालन एवं डेयरी विभाग या पशु चिकित्सा संस्था से संपर्क कर के आवेदन कर सकते हैं.
यह योजना मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी लागू है. इसके लिए लाभार्थी अपने नजदीकी पशुपालन विभाग में संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं.

पशु विशेषज्ञों का मानना है कि, बकरी पालन कम पूंजी और कम जगह में शुरू होने वाला ऐसा व्यवसाय है, जिससे नियमित आमदनी मिलती है. किसान परिवार इसे अपना कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं, तो दूसरी तरफ बेरोजगार युवक बकरी पालन की यूनिट लगा कर अपना रोजगार कर सकते हैं, जिसे आप आगे भी विस्तार दे सकते हैं.

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