ग्वार की खेती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान जैसे अनेक इलाकों में की जाती है. इस की खेती को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. यह बारानी इलाकों के लिए खरीफ की खास फसल है इसलिए इस की खेती उन्नत तरीके से करनी चाहिए और अच्छी किस्म के बीजों को ही बोना चाहिए.

पंजाब के लिए

एजी 111 : शाखाओं वाली यह जल्दी पकने वाली उन्नत किस्म?है. इस किस्म के पकने की अवधि 90 से 95 दिन है. औसतन पैदावार 12 से 15 क्विंटल है. सिंचित और बारिश पर आधारित इलाकों के लिए यह किस्म सही है.

ग्वार 80 : यह देरी से पकने वाली और शाखाओं वाली किस्म है. इस के पकने की अवधि 115 से 120 दिन है. औसतन पैदावार 18 से 20 क्विंटल है. सिंचित और बारिश आधारित इलाकों के लिए यह किस्म सही है.

दिल्ली के लिए

नवीन : यह किस्म जल्दी पकने वाली है. इस के पौधे शाखाओं वाले होते हैं. इस की पकने की अवधि 90 से 95 दिन है. औसतन पैदावार 15 से 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलती है. सिंचित और बारिश आधारित इलाकों के लिए सही है.

सुविधा : यह भी जल्दी पकने वाली किस्म है. इस के पौधे शाखाओं वाले होते हैं. इस के पकने की अवधि 90 से 95 दिन है. औसतन पैदावार 15 से 18 क्विंटल. सिंचित और बारिश आधारित इलाकों के लिए सही है.

सोना : यह देरी से पकने वाली किस्म है. इस के पकने की अवधि 115 से 120 दिन है. औसतन पैदावार 16 से 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. सिंचित और बारिश आधारित क्षेत्रों के लिए सही है. यह अनेक शाखाओं वाली किस्म है.

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