भागलपुर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर में 11 मार्च से 16 मार्च तक ड्रोन तकनीकी के ऊपर बूटकैंप का आयोजन किया गया. बीएयू, सबौर और सी-डैक पटना संयुक्त रूप से इलैक्ट्रौनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजना "यूएएस (ड्रोन और संबंधित प्रौद्योगिकी) में मानव संसाधन विकास के लिए क्षमता निर्माण" के तहत ड्रोन और संबद्ध प्रौद्योगिकी पर 6 दिवसीय बूटकैंप का आयोजन किया गया.

यह बूटकैंप प्रतिभागियों को ड्रोन उद्योग और संबंधित प्रौद्योगिकियों की समझ में सुधार करने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ व्यापक ज्ञान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

ड्रोन और संबंधित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के ज्ञान का विस्तार करने के लिए सी-डैक द्वारा वैज्ञानिकों और स्टार्टअप को सत्र विशेषज्ञों के रूप में एक मंच पर लाया गया है. इस बूटकैंप कार्यक्रम द्वारा ड्रोन डिजाइन, सिमुलेशन और उड़ान यांत्रिकी के लिए इंटरैक्टिव मंच प्रदान किया गया. इस कार्यक्रम में हुए मंथन से ड्रोन प्रौद्योगिकी के प्रमुख पहलुओं की व्यापक समझ विकसित होने की संभावना है.

इस 6 दिवसीय कैंप के समापन समारोह मे बोलते हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. डीआर सिंह ने कहा कि बीएयू कृषि क्षेत्र में उच्च तकनीक के प्रयोग मे अग्रणी रहा है. ड्रोन तकनीक का खेती में प्रचालन को बढ़ाना उसी कड़ी का हिस्सा है. हमारे प्रयासों में जल्द ही बिहार में ड्रोन आधारित खेती एक क्रांति के रूप में सामने आएगी.

कार्यक्रम में जानकारी देते हुए सी-डैक पटना के वरिष्ठ निदेशक आदित्य कुमार सिन्हा ने बताया कि यह बूटकैंप कार्यक्रम इलैक्ट्रौनिक्स और प्रोद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को ड्रोन तकनीकी के विभिन्न पहलुओं के बारे में अवगत कराना है, ताकि वर्ष 2030 तक भारत ड्रोन तकनीकी के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बन सके.

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