Carrot Grass : बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, ने खरपतवार नियंत्रण अनुसंधान परियोजना के तहत 20वां गाजर घास (Carrot Grass) सप्ताह का आयोजन 16 से 22 अगस्त, 2025 किया.

इस के अंतर्गत विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता निदेशक प्राचार्य के साथसाथ सैकड़ों की संख्या में महाविद्यालय के छात्रछात्राओं ने भाग लिया तथा गाजर घास (Carrot Grass) के हानि के बारे जानकारी प्राप्त की.

शस्य विज्ञान विभाग के अध्यक्ष, डाक्टर संजय कुमार ने बताया कि गाजर घास (Carrot Grass) एक अत्यंत ही हानिकारक पौधा है. यह पौधा पूर्व में हमारे देश में नहीं था पर विगत कुछ हाल के वर्षों से देखा जा रहा है कि इस का फैलाव बहुत तेजी से हो रहा है, जो एक बहुत ही गंभीर समस्या बनती जा रही है.

यह घास पर्यावरण को हानि पहुंचाती है, इसलिए इस का प्रभावी नियंत्रण बिना जनजागृति एवं जनभागीदारी के संभव नहीं हो सकता है. इस के लिए हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम सभी मिल कर जनसाधारण को जागरूक बनाएं.

महाविद्यालय के प्राचार्य ने भी अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि गाजर घास (Carrot Grass) आज के समय में बहुत तेजी से प्रभावित कर रही है.

इस की रोकथाम के लिए बहुत अधिक मात्रा में महंगे शाकनाशी इस्तेमाल करने के साथसाथ बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जो किसान के लिए उपर्युक्त नहीं है, इसलिए गाजर घास (Carrot Grass) की रोकथाम के लिए आज के परिवेश में जनजागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है.

इस कार्यक्रम में शस्य विज्ञान विभाग के सभी वैज्ञानिक एवं गैरशैक्षणिक कर्मचारी एवं जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय केे छात्रछात्राओं ने भाग लिया. इस मौके पर विश्वविद्यालय के पीआरओ डा. राजेश कुमार, डा. राकेश देव रंजन एवं डा. आनंद कुमार की उपस्थिति रही. इस तरह का कार्यक्रम विश्वविद्यालय के अधीन सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में चलाया गया.

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