सिकराय, दौसा, 23 सितंबर 2024 – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली की अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत सिकराय तहसील के गिरधारीपुरा गांव, हिंगवा पंचायत में एक महत्वपूर्ण प्रक्षेत्र दिवस एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम राजस्थान सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और उन्हें नवीनतम कृषि तकनीकों से अवगत कराना था. इस अवसर पर किसानों के बीच कृषि यंत्रों और गुणवत्तापूर्ण बीजों का वितरण भी किया गया, ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों को अधिक लाभकारी बना सकें.
अनुसूचित जनजाति उपयोजना के नोडल अधिकारी, डा. महेश चंद मीना ने बताया कि यह आयोजन किसानों की आय एवम जीवन में बढ़ोतरी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्रों और बीजों के वितरण से किसानों को बेहतर उत्पादकता हासिल करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, पूसा संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक, डा. राम स्वरूप बाना ने किसानों को जल संरक्षण की तकनीकों और फसलों की आधुनिक खेती के नए तरीकों के बारे में जागरूक किया. उन्होंने किसानों से इन तकनीकों को अपनाकर कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने का आह्वान किया.
शाक वैज्ञानिक, डा.गोगराज सिंह जाट ने सब्जियों की खेती के महत्व और उसके वैज्ञानिक तरीकों पर प्रकाश डाला. उन्होंने किसानों को बताया कि कैसे सब्जियों की उन्नत खेती से उनकी आय में वृद्धि हो सकती है.
कृषि अभियांत्रिकी वैज्ञानिक, डॉ. सतीश लांडे ने किसानों को आधुनिक मशीनों के उपयोग और उनके लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मशीनों के सही उपयोग से किसानों की मेहनत और समय दोनों की बचत हो सकती है, जिससे उत्पादन भी अधिक होगा।