नई दिल्ली : खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने नई दिल्ली में रक्षा बंधन के उपलक्ष्य में खादी-राखी की शुरुआत की. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तत्वावधान में यह खादी-राखी की शुरुआत की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अगस्त, 2023 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में नागरिकों से आग्रह किया था कि वे अपने आगामी त्योहारों के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का चयन कर के ग्रामीण कारीगरों का तहे दिल से समर्थन करें, जिस से भारत के सुदूर ग्रामीण भागों में रोजगार के सर्वोत्तम अवसर सुनिश्चित हो सकें.

स्वदेशी गोबर से बनाई राखी से तुलसी, टमाटर और बैंगन के पौधे अंकुरित होंगे

इस अवसर पर अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि खादी-राखी की विशिष्टता ग्रामीण भारत की समर्पित स्पिनर बहनों द्वारा इस के निर्माण में निहित है, जो चरखे पर कई सूत कातने का काम करती हैं. यह उत्पाद पूरी तरह से प्राकृतिक है, किसी भी रासायनिक घटक से रहित है. उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के ग्रामोद्योगिक विकास संस्थान द्वारा तैयार की गई राखी स्वदेशी गोबर से बनाई गई है. इस के अतिरिक्त इस में तुलसी, टमाटर, बैंगन के बीज शामिल करने से इस की संरचना में और बेहतर होती है. इस के निर्माण के पीछे की अवधारणा इस धारणा में निहित है कि जब इसे जमीन पर फेंक दिया जाएगा, तो इस से तुलसी, टमाटर और बैंगन के पौधे अंकुरित होंगे. देश के विभिन्न राज्यों में तैयार की गई ऐसी खादी राखियां अब नई दिल्ली के खादी भवन में खरीद के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिन में से प्रत्येक की कीमत 20 रुपए से ले कर 250 रुपए तक है.

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