Women Farmers : बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में 25 जून को IRRI-ISARC, वाराणसी एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से महिला किसान और वैज्ञानिकों के लिए चावल आधारित कृषि खाद्य प्रणाली पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में चावल आधारित कृषि खाद्य प्रणाली पर महिला वैज्ञानिकों और महिला किसानों की क्षमताओं की कमी और आवश्यकताओं की पहचान कराई गई.
इस अवसर पर कुलपति डा. डीआर सिंह ने कहा कि भारत में कृषि प्रमुख रूप से रोजगार का साधन है और इस में महिलाएं महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. पर उन महिलाओं के पास अधिकांशत पर्याप्त संसाधन और प्रशिक्षण की कमी होती है. इस कार्यशाला के माध्यम से महिला किसानों को धान की कृषि तकनीकी की जानकारी प्रदान की जाएगी तथा महिलाओं को कृषि में फसल तकनीक में हो रहे नवाचार, कृषि में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की जानकारी, कृषि क्षेत्र में महिला उद्यमियों के लिए अवसर एवं फसल प्रबंधन आदि विषयों पर जानकारी प्रदान की जाएगी.
इस कार्यशाला में डा. आरके सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा, डा. अनिल कुमार सिंह, निदेशक अनुसंधान, डा. अजय कुमार साह, अधिष्ठाता कृषि, डा. श्वेता शाम्भवी, निदेशक छात्र कल्याण सहित अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया.
IRRI-ISARC, वाराणसी के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा द्वारा क्षमता, आवश्यकता, मूल्यांकन द्वारा महिला किसानों और महिला वैज्ञानिकों को धान आधारित कृषि खाद्य प्रणालियों का मूल्यांकन किया गया. इस कार्यशाला का मुख्य पहलू महिला किसानों को सशक्त बनाना, प्रशिक्षण, आवश्यकताओं का समाधान, बाजार संबंध एवं मूल्य संवर्द्धन ज्ञान के आदानप्रदान को प्रोत्साहित करना, धान आधारित कृषि खाद्य प्रणाली को मजबूत करना तथा खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था.
इस कार्यक्रम के दौरान कई तरह की गतिविधियों जैसे SWOT विश्लेषण, विशेषित समूह वात्र्ता (IGT) विधि में क्षमताओं की प्राथमिकताओं का चयन किया गया. कार्यक्रम के अंत में महिला किसानों और महिला वैज्ञानिकों से प्रतिक्रिया भी प्राप्त की गई. इस कार्यक्रम में बांका, मुंगेर, खगड़िया, पूर्णियां एवं भागलपुर जिले की 25 से ज्यादा महिला किसानों ने भाग लिया.