नई दिल्ली : जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने पूरे देश में संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) और बायोगैस संयंत्रों के पंजीकरण को सुव्यवस्थित करने को ले कर गोबरधन (gobardhan.co.in) के लिए एक एकीकृत पंजीकरण पोर्टल जारी किया है.

गोबरधन के लिए नोडल विभाग के रूप में डीडीडब्ल्यूएस ने घोषणा की कि अब तक 1163 से अधिक बायोगैस संयंत्र और 426 सीबीजी संयंत्रों को सफलतापूर्वक पोर्टल पर पंजीकृत किया जा चुका है. ये पंजीकृत सीबीजी/बायोगैस संयंत्र रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक विभाग की बाजार विकास सहायता (एमडीए) योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं.

दिशानिर्देशों के अनुसार, गोबरधन पहल के तहत बीजी/सीबीजी संयंत्रों में उत्पादित किण्वित कार्बनिक खाद (एफओएम)/तरल किण्वित कार्बनिक खाद (एलएफओएम)/फास्फेटयुक्त कार्बनिक खाद (पीआरओएम) की बिक्री के लिए 1500 रुपए प्रति मीट्रिक टन की सहायता (एमडीए) दी जाएगी. एमडीए पात्रता के लिए डीडीडब्ल्यूएस के एकीकृत गोबरधन पोर्टल पर विनिर्माण संयंत्रों का पंजीकरण और जैविक उर्वरकों के लिए उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) विनिर्देशों का अनुपालन करना पूर्व शर्तें हैं.

गोबरधन के लिए एकीकृत पंजीकरण पोर्टल के तहत पंजीकृत विनिर्माण इकाइयां उर्वरक विपणन कंपनियों के जरीए पैक्ड फार्म (बंद रूप) में या स्वतंत्र रूप से पैक्ड फार्म, थोक या दोनों में एफओएम/एलएफओएम/पीआरओएम (सीबीजी/बायोगैस संयंत्रों के सहउत्पाद) का विपणन कर सकती हैं. विनिर्माण संयंत्रों को प्रायोगिक तौर पर दो तिमाहियों (अक्तूबर, 2023 से मार्च, 2024) के लिए थोक/खुले रूप में एफओएम/एलएफओएम/पीआरओएम का विपणन करने की अनुमति है. खाद की गुणवत्ता का परीक्षण सरकार की ओर से अधिसूचित प्रयोगशालाओं/एनएबीएल मान्यताप्राप्त निजी प्रयोगशालाओं में किया जाएगा.

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक विभाग ने गैल्वनाइजिंग और्गेनिक बायोएग्रो रिसोर्सेज धन (गोबरधन) संयंत्रों से जैविक उर्वरकों के उत्पादन और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्रित दिशानिर्देशों के साथ एमडीए योजना शुरू की है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...