नई दिल्ली : नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने आधिकारिक तौर पर कृषि सांख्यिकी आंकड़ों से संबंधित एकीकृत पोर्टल (यूपीएजी पोर्टल- www.upag.gov.in) का शुभारंभ किया. यह भारत के कृषि क्षेत्र के सामने आने वाली जटिल प्रशासनिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक अभूतपूर्व पहल है.

यह अभिनव प्लेटफार्म कृषि क्षेत्र में डेटा प्रबंधन को सुव्यवस्थित और बेहतर बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. कृषि सांख्यिकी आंकड़ों के लिए एकीकृत पोर्टल अधिक कुशल एवं उत्तरदायी कृषि आधारित नीतिगत ढांचा उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

प्रो. रमेश चंद ने कार्यक्रम को संबोधित किया और इस तरह की पहल के लिए टीम की सराहना की. उन्होंने इसे कृषि डेटा प्रबंधन के क्षेत्र में एक निवेश और बड़ा ही "महत्वपूर्ण कदम" बताया.

प्रो. रमेश चंद ने इस तथ्य का उल्लेख भी किया कि इस तरह की पहल का किया जाना लंबे समय से लंबित था और इस में एक "छोटे पौधे" से "विशालकाय वृक्ष" बनने की असीम संभावनाएं निहित हैं.

उन्होंने लोगों से कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तनों के बारे में अपनी मानसिकता में बदलाव लाने का भी आग्रह करते हुए कहा यह पोर्टल वास्तविक समय, विश्वसनीय एवं मानकीकृत जानकारी के साथ हितधारकों को समर्थ बनाता है, जिस से अधिक प्रतिक्रियाशील और कुशल कृषि नीतियों का मार्ग प्रशस्त होता है.

उन्होंने यह भी कहा कि डेटा की निष्पक्षता जितनी अधिक होगी, नीति निर्माण में गलत फैसलों की गुंजाइश उतनी ही कम होगी, जो स्थिर, पारदर्शी व अधिसूचित निर्णयों में बदल जाएगी.

प्रो. रमेश चंद ने इस तथ्य का उल्लेख भी किया कि शोध से पता चलता है, डेटा में 1 डालर के निवेश से 32 डालर का प्रभाव उत्पन्न हुआ है. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि पोर्टल को डेटा विश्वसनीयता सुनिश्चित करनी चाहिए.

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